बाल अधिकार संरक्षण पर किया शिविर व बैंच का आयोजन

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City24news@रोबिन माथुर

हथीन । राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की खंडपीठ के द्वारा राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हथीन में शिविर व बैंच का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य प्रीति भारद्वाज दलाल ने शिविर का शुभारंभ करने के पश्चात वहां पर विभिन्न संबंधित विभागों द्वारा लगाई गई स्टालों को अवलोकन भी किया। शिविर में दिव्यांग बच्चों के मेडिकल व यूडीआईडी सर्टिफिकेट बनाए गए। इस मौके पर हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य सुमन राणा, अनिल लाठर, गणेश कुमार, सलाहकार शशिकांत सिंह, दिनेश शर्मा  तथा राष्ट्रीय बाल सरंक्षण आयोग की सलाहकार दामनी शर्मा, श्वाती प्रिया व समरेन्द्र वत्स भी मौजूद रहे। इस अवसर पर सिटी मजिस्ट्रेट द्विजा, एसडीएम हथीन, सिविल सर्जन डॉ. नरेश गर्ग, डिप्टी सीएमओ रामेश्वरी, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक बघेल, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग नुपूर दलाल, जिला बाल कल्याण अधिकारी सुरेखा डागर, जिला कल्याण अधिकारी कंवरपाल, बाल संरक्षण अधिकारी जाहुल खान, सीता इंदीवर, बाल कल्याण समिति पलवल के सदस्य रणबीर सिंह, महेन्द्र सिंह देशवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य प्रीति भारद्वाज दलाल ने बताया कि बैंच के सामने करीब 180 शिकायते रखी गई। जिन्हें गम्भीरतापूर्वक सुना गया और उनका मौके पर हल करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि अधिकतर शिकायतें विकांलता से संबंधित थी। उन्होंने कहा कि हथीन क्षेत्र की महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कम है जिसकी वजह से जन्म लेने वाले बच्चों में विकलांगता के लक्षण देखने को मिले हैं। उन्होंने कहा कि जो बच्चे विकलांग है, उनके प्रति संवेदना जरूरी है। ऐसे बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩा जरूरी है। दलाल ने कहा कि आयोग द्वारा कैंप के माध्यम से विकलांग बच्चों को उनके अधिकार प्रदान करवाएं जा रहें है।

उन्होंने कहा कि अधिकतर लोगों को विकलांगता संबंधित योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं रहती जिसकी वजह से सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं। आयोग द्वारा पहल की जा रही है कि विकलांग बच्चों को प्रतिशत के अनुसार उनके सर्टिफिकेट यूडीआईडी कार्ड बनाए जाए।  उन्होंने ग्रामीणों से आह्वान किया कि पॉक्सो, गुमशुदा, बाल मजदूरी, बाल भिक्षावृत्ति, स्कूल संबंधी किसी दस्तावेज, आधार कार्ड, स्वास्थ्य संबंधी तथा मेडिकल सर्टिफिकेट, बच्चा गोद लेने में आने वाली समस्या जैसी बच्चों से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत को आयोग समक्ष रख सकते हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा, श्रमिक, समाज कल्याण विभाग आदि के अधिकारियों आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। शिविर में विकंलांग बच्चों के सर्टिफिकेट बनाए गए है। दस्तावेजों में जो कमी पाई गई उन्हें ठीक किया गया है। अनाथ बच्चों को आर्थिक मदद प्रदान करने व सरकार की योजनाओं का लाभ देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। सुश्री भारद्वाज ने कहा कि सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार बच्चों को सुविधाएं व सरक्षण सुनिश्चित हो और  निर्धारित समय सीमा में संबंधित प्रकरणों का निराकरण करें। सुनवाई के दौरान संबंधित विभागों के माध्यम से निराकरण भी किया गया साथ ही सभी अभिभावक भी सरकारी निर्देशों का पालन करें। शिविर में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के बच्चों की स्वास्थ्य जाँच की गई। दिव्यांगता प्रमाण पत्र, दिव्यांगता पेंशन और दिव्यांग संबंधी सुविधा के संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग बाल विकास सेवाएं, कल्याण विभाग, मानसिक स्वास्थ्य शिविर सहित अन्य योजना से संबंधित स्टॉल लगाए गए। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद चंडीगढ़,शक्ति वाहनी, जिंदगी की खुशियां फाउड़ेशन, जिला बाल संरक्षण इकाई पलवल व हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद, महिला एवं बाल विकास विभाग, खेल विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाई गई।

इस अवसर पर जिला सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार गर्ग ने बताया कि विकलांग बच्चों की हर संभव मदद की जाएगी ताकि उन्हें भविष्य में किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कहा कि विकलांग लोगों को यदि कोई समस्या आती है तो वह बुधवार व वीरवार को नागरिक अस्पताल में 10 बजे से 12 बजे तक आकर सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि शिविर मिली शिकायतों के संबंध में मोबाइल नम्बर 8813961477 सम्पर्क कर सकते हैं।

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