गांव सुडाका में स्थित जीर्ण-शीर्ण इमारत को हटाने के आदेश किए पारित 

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उप-मंडल मजिस्ट्रेट नूंह प्रदीप अहलावत ने पारित किए आदेश
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह । उप-मंडल मजिस्ट्रेट नूंह प्रदीप अहलावत ने भारत न्याय संहिता, 2023 की धारा 142(1) के अंतर्गत सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने की संभावना के मद्देनजर गांव सुडाका में स्थित जीर्ण-शीर्ण इमारत को हटाने के आदेश पारित किए हैं। 

 उपमंडल मजिस्ट्रेट ने आदेशों में स्पष्टï किया है कि नायब तहसीलदार नूंह, बीडीपीओ नूंह व पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) उपमंडल नूंह के एस.डी.ई. नूंह ने इस न्यायालय के संज्ञान में लाया कि गांव सुडाका, खंड इंडरी, तहसील व जिला नूंह में आलमपुरिया की हवेली की इमारत बहुत ही जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, जिसके ढहने की संभावना के कारण सार्वजनिक सुरक्षा, जीवन और संपत्ति के लिए खतरा होने की संभावना है। इसलिए उन्होंने गांव सुडाका निवासी मुदीन खान पुत्र युसुफ, इलियास पुत्र जुम्मा, हाजी सब्बीर पुत्र सुल्तान, जाहिद पुत्र याकुब, वजीर पुत्र कपुर आदि सभी को आदेश प्राप्ति की तारीख से 15 दिनों के भीतर इस इमारत को अपनी लागत पर हटाने या मरम्मत करवाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं और उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यह इमारत अब सार्वजनिक सुरक्षा के लिए किसी प्रकार का खतरा पैदा नहीं करती है।

इसके साथ ही जब तक इस इमारत की मरम्मत या ध्वस्तीकरण का कार्य पूरा नहीं होता है, तब तक इसका आवासीय, वाणिज्यिक या अन्य प्रयोजनों के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा। इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करते हुए निर्धारित समय सीमा के भीतर इस कार्यालय में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करनी होगी। इसके साथ ही सभी को आगामी 20 जनवरी 2025 को इस न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर कारण बताना होगा कि भारत न्याय संहिता, 2023 की धारा 146 के अंतर्गत इस आदेश को क्यों न लागू कर दिया जाए। 

 उन्होंने आदेशों में बताया है कि यदि इस आदेश का अनुपालन करने में विफल रहते हैं या पर्याप्त कारण बताने में विफल रहते हैं तो यह आदेश पूर्णत: लागू होगा और भारत न्याय संहिता, 2023 की धारा 150 के अंतर्गत इसका खर्च भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल किया जाएगा।

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