संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद हड़तालियों का नारनौल में नारेबाजी, प्रदर्शन
City24news@अशोक कौशिक
नारनौल। केन्द्र व राज्य सरकारों की मजदूर- कर्मचारी, किसान विरोधी व जन विरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी फेडरेशनों / एसोसियेशनों केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देशव्यापी औद्योगिक हड़ताल और ग्रामीण बंद में श्रमिक -कर्मचारी, स्कीम वर्कर्स व किसानों ने उत्साह से भाग लिया। जिले में आज की हड़ताल कामयाब रही.जिला भर के श्रमिक -कर्मचारी व स्कीम वर्कर्स तथा किसान लघु सचिवालय पार्क नारनौल में एकत्रित हुए तथा सभा की।
संयुक्त अध्यक्षीय मण्डल जिसमें एआईयूटीयूसी जिला प्रधान मास्टर सुबे सिंह,सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान कोशल कुमार यादव, राज्य सचिव महेन्द्र बोयत, किसान संगठन एआईकेकेएमएस के जिला प्रधान बलबीर सिंह, सीटू के जिला प्रधान हरीराम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन हरियाणा सम्बंधित एआईयूटीयूसी की जिला सचिव
सन्तोष ढिल्लों, आशा कार्यकर्ता यूनियन हरियाणा सम्बंधित एआईयूटीयूसी की राज्य महासचिव मधु चौहान,मिड डे मील कार्यकर्ता यूनियन हरियाणा सम्बंधित एआईयूटीयूसी
सुनीता जांगड़ा, नगरपालिका कर्मचारी संघ के जिला प्रधान राहुल सारवान ने सभा की अध्यक्षता की। सभा का संचालन सीटू जिला सचिव रोहतास गोठवाल व एआईयूटीयूसी जिला सचिव छाजूराम रावत ने किया।
सभा पश्चात अध्यक्षीय मण्डल के नेतृत्व में
अपनी मांगों के जोशीले नारों के साथ जुलूस के रुप में लघु सचिवालय से महावीर चौक पंहुचकर जोरदार विरोध प्रदर्शित किया।
जुलूस में श्रमिक -कर्मचारियों व किसानों में
श्रमिक -कर्मचारी व किसान तथा जन विरोधी नीतियों के खिलाफ केन्द्र व राज्य सरकार के प्रति गुस्सा दिखाई दे रहा था।
सभा में कामरेड ओमप्रकाश ने सरकार द्वारा किसानों पर जबरन उत्पीड़न व केन्द्रीय श्रमिक संगठन के राज्य प्रधान व मनेठी – माजरा एम्स संघर्ष समिति के अगुआ नेता कामरेड राजेन्द्र सिंह एडवोकेट की हरियाणा सरकार व पुलिस प्रशासन द्वारा गिरफ्तारी का कड़ा विरोध करते हुए सभा में सर्वसम्मति से निन्दा प्रस्ताव पारित किया।
सभा में वक्ताओं ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, खाली पड़े पदों पर स्थायी नौकरियां देने, पुरानी पेंशन बहाली, स्कीम वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम वेतन लागू करने, भवन निर्माण मजदूरों के पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने तथा अनुचित शर्तें हटाई जाए, गांव-गांव में मनरेगा के तहत गांव के गरीबों को काम देने, मनरेगा मजदूरों को साल में 200 दिन काम देने व 600 रूपए प्रतिदिन की दिहाड़ी देने की पुरजोर मांग की गई।
मजदूर नेताओं ने कहा कि सरकार मेहनतकश लोगों की रोजी-रोटी पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है। 44 श्रमकानूनों को खत्म कर उनकी जगह चार लेबर कोड लाकर यह काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 करने, छंटनी, लेऑफ व तालाबंदी की खुली छूट देने, हड़ताल करना व यूनियन बनाना असंभव बना देने, वेतन व सुविधा कटौती करने, वर्कलोड बढ़ाने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का नहीं करने, रात्रि पाली में महिलाओं से ड्यूटी कराने जैसे घोर मजदूर- कर्मचारी विरोधी प्रावधान लागू कर रही है। बड़े संघर्ष से हासिल किए गए श्रमिक हितेषी कानूनों व लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन रही है। भवन निर्माण कारीगर मजदूरों के पंजीकरण की कठिन शर्तों का सरलीकरण किया जाए तथा डायरी तस्दीक में 90 दिन की शर्त हटाई जाए और यूनियन को तस्दीक का अधिकार दिया जाए।
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख घटक किसान संगठन एआईकेकेएमएस के जिला प्रधान बलबीर सिंह ने कहा कि सरकार एमएसपी कानून बनाने से मुकर गई है। जन विरोधी बिजली बिल -2022 लाने पर आमादा है, जिससे किसानों के लिए सिंचाई महंगी व बिजली गरीबों की पंहुच से बाहर हो जाएंगी। इन जनविरोधी नीतियों और काले कानूनों के चलते मजदूर किसानों समेत तमाम मेहनतकश जनता का जीना दूभर होता जा रहा है।
सभा को राजकीय अध्यापक संघ के मास्टर महेश यादव, डाक विभाग के हिम्मत सिंह, सीताराम , शिवकुमार, मधु चौहान, राहुल सारवान, सुनीता जांगड़ा, कामरेड ओमप्रकाश, महेन्द्र बोयत, बलबीर सिंह, डॉ व्रतपाल सिंह, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के जिला प्रधान पूर्ण चंद, अध्यापक संघ के कृष्ण कुमार, भरपूर सिंह सागरपुर, नौजवानों के संगठन आल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ आर्गेनाइजेशन के जिला सचिव सतीश कुमार, ग्रामीण ट्यूबवेल ओपरेटर यूनियन के जिला प्रधान महेन्द्र सिंह चौहान, जिला सचिव सुरेंद्र कुमार मकसुसपुरिया, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के जिला उपाध्यक्ष मुकेश कुमार, मिड डे मील कार्यकर्ता यूनियन की माया देवी ने सम्बोधित किया।