सोमवार को कनीना में हुई 68 एमएम बारिश, सडक मार्गों से लेकर खेतों तक पानी ही पानी

-मकानों में पानी लगा टपकने व खरीफ सहित सब्जी की फसल हो रही खराब
-किसानों ने की क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने की मांग
City24news/अनिल मोहनिया
कनीना | कनीना क्षेत्र में सोमवार को 68 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई जबकि इससे पूर्व रविवार को 93 एमएम बारिश हुई थी। रूक-रूक कर हो रही बारिश ने सावन माह की याद ताजा कर दी है। बारिश से चंहुओर पानी-पानी दिखाई देने लगा है। जिससे खरीफ की फसल खराब होने लगी है। अत्यधिक बारिश के चलते मकानों से पानी टपकने लगा है वहीं खराब होने के चलते सब्जी के रेट में उछाल आया है। बारिश का पानी सड़कों सहित बाजरे व कपास की फसल में जमा हो गया है। कपास की फसल काली पड गई है जबकि बाजरे की पकी हुई फसल में पुनः फुटाव होने लगा है। किसानों ने फसल खराबा के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने की मांग की है।
दूसरी ओर बारिश के पानी से अटेली मोड, बस स्टैंड, रेवाडी रोड, गाहडा रोड सहित विभिन्न निचले स्थानों की हालत भी दयनीय बनती जा रही है। सडक मार्ग खंडित होने से वाहन चालक परेशान हो रहे हैं। बीते वर्ष सडक के दोनों ओर बनाए गए नाले तक दुकानदारों द्वारा मिट्टी डाले जाने से सडक पर जलभराव हो गया है। जिसे लेकर स्थानीय नागरिकों ने उपमंडल एवं नगरपालिका प्रशासन से पानी निकासी की गुहार लगाई है।
कनीना के उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ अजय यादव ने बताया कि कनीना ब्लाक में करीब 33 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में से करीब 20484 हेक्टेयर में बाजरा, 8114 में कपास, 674 में हरा चारा, 116 में ग्वार सहित अरहर, तिल आदि की खेती की गई है। बाजरे की अगेती फसल में नुकसान की संभावना बनने लगी है। उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन बारिश की संभावना बनी हुई है किसान फसलों में सिंचाई न करें।
नगरपालिका कनीना की चेयरपर्सन डाॅ रिंपी लोढ़ा ने कहा कि बारिश के पानी निकासी के लिए नपा प्रशासन द्वारा पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। पंपसेट लगाकर बरसाती पानी को लिफ्ट किया जा रहा है वहीं उसके स्थाई समाधान के लिए विकल्प तलाश किए जा रहे हैं।
कनीना-अत्यधिक बरसात के चलते कनीना में रेवाडी रोड की ओर जमा पानी का दृष्य।