आपसी तालमेल से कार्य करें अधिकारी : उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा।

-उपायुक्त की अध्यक्षता में सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित।
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह |उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा की अध्यक्षता में वीवार को लघु सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी कमेटी की अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपायुक्त ने पीड़ित व्यक्तियों को अतिशीघ्र आर्थिक सहायता व कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति/जनजाति से संबंधित व्यक्तियों पर होने वाले अत्याचार के मामले में कार्रवाई करने में किसी प्रकार की देरी न की जाए। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि मेडिकल रिपोर्ट व चालान रिपोर्ट, संबंधित विभाग को समय पर उपलब्ध करवाये व आपसी तालमेल से अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज मामलों पर गंभीरता से कार्यवाही करें, ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति के व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का अत्याचार या दुर्व्यवहार होता है तो पीड़ित परिवार को तुरंत प्रभाव से आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने समाज कल्याण अधिकारी से पीड़ित को मिलने वाली सहायता राशि के बारे में जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि अधिनियम के अधीन गैर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों पर अत्याचार किये जाने के फलस्वरूप आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि विभिन्न प्रकार के अत्याचारों जैसे ट्यूबल की क्षति, चल अचल सम्पत्ति का नुकसान, स्थाई अस्थाई अता बलात्कार तथा हत्या आदि घटित होने पर प्रदान की जाती है।
उपायुक्त ने कहा कि विभिन्न प्रकार के अत्याचार होने पर अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 नियम 1995 के सैक्सन 3 नियम 12(4) के तहत राहत राशि के लिये मापदण्ड अनुसार 85 हजार रुपए से 8 लाख 25 हजार रुपए तक की राशि ऐसे केसों में प्रदान की जाती है। जिनकी एफ.आई.आर. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) 1989 के तहत दर्ज की गई हो।