उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा को स्थानांतरण पर अधिकारियों व कर्मचारियों ने दी विदाई
उपायुक्त के साथ अपने कार्यकाल के अनुभव किए सांझा, नई जिम्मेदारी की दी शुभकामनाएं
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा का जिला नंूह से जिला रोहतक में उपायुक्त के पद पर स्थानांतरण होने पर जिला प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों की ओर से लघु सचिवालय के सभागार में भव्य विदाई पार्टी का आयोजन किया गया। उपायुक्त ने इस मौके पर जिलावासियों, प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि जिला नूंह की जनता से मिले प्यार-प्रेम को वे आजीवन याद रखेंगे। जिला के लोगों ने अनेक मौकों पर जिला प्रशासन का पूर्ण सहयोग किया तथा प्रशासन की हिदायतों का पूर्ण समर्थन किया। जिला नंूह की जनता की ओर से मिले इस अपार समर्थन व प्रशासनिक अधिकारियों का सहयोग उन्होंने निरंतर प्रेरित करता रहेगा। वे यहां से प्राप्त अच्छे प्रशासनिक अनुभव को हमेशा याद रखेंगे और यहां की प्रगति में जब भी उन्हें किसी प्रकार के योगदान का मौका मिलेगा, तो वे हमेशा इसके लिए तत्पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें दो बार जिला नूंह में उपायुक्त के रूप में कार्य करने का मौका मिला तथा उनका दोनों बार का अनुभव काफी यादगार व अनुभव से पूर्ण रहा।
अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक ने उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा के जिला नूंह के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि उपायुक्त ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रशासनिक दक्षता, संवेदनशीलता व निष्पक्षता का परिचय दिया तथा उनकी नेतृत्व क्षमता व टीमवर्क के कारण जिले में कई महत्वपूर्ण योजनाओं व कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन संभव हो पाया। एसीयूटी अनिरूद्ध यादव, जिला नगर आयुक्त सुशील कुमार, सीईओ जिला परिषद अमित गुलिया, एसडीएम डा. चिनार चहल, प्रदीप अहलावत, संजीव कुमार, संजय कुमार व उप कार्यकारी अधिकारी एमडीएम लक्ष्मी नारायण, सीटीएम अशोक कुमार, जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी सुरेंद्र बजाड़ सहित अन्य अधिकारियों व उपायुक्त कार्यालय के कर्मचारियों ने उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा के साथ अपने कार्यकाल के अनुभव सांझा किए तथा समय-समय पर मिले उनके कुशल मार्गदर्शन की सराहना की। सभी अधिकारियों ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उनकी नई जिम्मेदारी व नए कार्यस्थल के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी। अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक ने प्रशासन के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।