नूंह साइबर थाना पुलिस की बड़ी कार्रवाई, ठगी के तीन अलग-2 मामलों में तीन आरोपी गिरफ्तार।

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | साइबर अपराध पर शिकंजा कसते हुए नूंह साइबर थाना पुलिस ने तीन अलग-अलग मामलों में कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है । पुलिस के अनुसार सभी आरोपी फर्जी सिम कार्ड, फर्जी बैंक खातों और नकली पहचान का इस्तेमाल कर ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम देते थे। इन आरोपियों के खिलाफ देश के कई राज्यों में शिकायतें दर्ज पाई गई हैं ।

पुलिस प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने बताया कि पहला मामला झारपुडी निवासी सद्दाम से जुड़ा है । 18 जुलाई को पुलिस ने दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे पर छापेमारी कर रिजवान पुत्र जमी़ल खां को पकड़ा । तलाशी के दौरान उसके पास से मोबाइल बरामद हुआ जिसमें मोबाइल नंबर सक्रिय मिला। जांच में सामने आया कि इस नंबर से भीम यूपीआई, गूगल पे और पेटीएम अकाउंट संचालित किए जा रहे थे । साथ ही फरीदाबाद और गुजरात के पोरबंदर में दर्ज ठगी की शिकायतें भी इस नंबर से जुड़ी मिलीं। पूछताछ में रिजवान ने फर्जी सिम और नकली पहचान का उपयोग कर ठगी करना स्वीकार किया । इसके बाद 29 सितंबर को उसका साथी सद्दाम पुत्र हनीफ निवासी झारपुडी को भी गिरफ्तार किया गया । सद्दाम के खिलाफ तमिलनाडु और फरीदाबाद में ऑनलाइन धोखाधड़ी से जुड़ी शिकायतें दर्ज पाई गईं । दोनों आरोपियों को अदालत में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया । दूसरे मामले में पुलिस ने असलम पुत्र सुलेमान निवासी अमीनाबाद फुसेता थाना बिछोर को गिरफ्तार किया । यह गिरफ्तारी जयसिंहपुर स्थित दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे पुल के नीचे की गई । आरोपी के पास से एक मोबाइल बरामद हुआ जिसमें दो सिम लगे हुए मिले। फोन की जांच में सामने आया कि असलम फर्जी सिम का इस्तेमाल कर भैंस बेचने के नाम पर लोगों से ठगी करता था । उसके बैंक खातों की डिटेल से कई धोखाधड़ी के मामले उजागर हुए । एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक खाते से 12,250 रुपये, एनएसडीएल बैंक से 95 हजार रुपये, आईओ पेमेंट बैंक से 14 हजार रुपये और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक से 29,हजार रुपये की ठगी सामने आई । आरोपी की जमानत याचिका भी पहले अदालत ने खारिज कर दी थी ।

तीसरा मामला वासिद पुत्र जाकिर निवासी बेरियाबास थाना सदर फिरोजपुर झिरका से संबंधित है । 29 सितंबर को साइबर पुलिस ने साइबर पोर्टल पर एक संदिग्ध मोबाइल नंबर की लोकेशन ट्रेस कर गांव बेरियाबास से वासिद को गिरफ्तार किया । आरोपी के पास से एक मोबाइल मिला जिसमें दो नंबर सक्रिय थे। फोन की जांच करने पर व्हाट्सएप अकाउंट, फर्जी बैंक खातों के विवरण, क्यूआर कोड और संदिग्ध लेन-देन की तस्वीरें मिलीं। इनमें से एक नंबर आसिफ पुत्र इकबाल निवासी ओथा पुन्हाना के नाम पर पंजीकृत पाया गया, जबकि दूसरा नंबर वासिद के नाम पर था। पूछताछ में आरोपी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका और बाद में उसने ठगी की बात कबूल की। पुलिस ने उसके खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया । 

पुलिस प्रवक्ता ने बताय कि इन तीनों मामलों में बरामद मोबाइल फोन, सिम कार्ड, बैंक खातों और डिजिटल लेन-देन से जुड़े तकनीकी साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं । साथ ही सह-आरोपियों की भी तलाश जारी है ।

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