नूंह साइबर थाना की बड़ी कार्रवाई, दो सगे भाइयों सहित चार साइबर ठग गिरफ्तार, देशभर में फैला रखा था ठगी का नेटवर्क।

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | जिले की साइबर क्राइम टीम ने साइबर अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो सगे भाई भी शामिल हैं। ये आरोपी देशभर के भोले-भाले लोगों को विभिन्न तरीकों से ठगते थे। कोई ओएलएक्स पर पुरानी गाड़ियों की बिक्री के नाम पर लोगों को झांसे में लेता था तो कोई सोशल मीडिया पर सुंदर लड़कियों के फर्जी अकाउंट बनाकर अश्लील वीडियो भेजकर पैसे ऐंठता था। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग मुकदमे दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है और ठगी में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन, फर्जी सिम कार्ड और अन्य डिजिटल सबूत कब्जे में लेकर आगे की जांच शुरू कर दी है।
पहले मामले में आरोपी आसिफ निवासी बसेड़ी बॉस थाना सदर पुन्हाना जिला नूंह को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि साइबर पोर्टल के माध्यम से जिले में सक्रिय संदिग्ध साइबर अपराधियों की तलाश की जा रही थी। उसी दौरान दो मोबाइल नम्बरों की लोकेशन पुन्हाना क्षेत्र में एक्टिव मिली। जांच में पता चला कि इन नंबरों के जरिए देशभर के लोगों से ऑनलाइन ठगी की जा रही थी। इनसे जौनपुर, उत्तर प्रदेश निवासी विशाल से 5770 रुपये और महाराष्ट्र नागपुर निवासी कैलाश से 19 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई। लोकेशन ट्रेस करते हुएटीम ने आरोपी आसिफ को गधा मोड़ जैतलका के पास से काबू किया। तलाशी के दौरान उसके पास से मोबाइल फोन बरामद हुआ, जिसमें दो सिम कार्ड मिले। पूछताछ में आरोपी अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि वह पुराने वाहन और ऑनलाइन सामान बेचने के नाम पर लोगों से ठगी करता था।
दूसरा मामले में दो सगे भाइयों वारीस और जहीर पुत्र हाकम निवासी लफुरी थाना बिछौर, जिला नूंह को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को सूचना मिली थी कि दोनों भाई सोशल मीडिया पर सुंदर लड़कियों के फर्जी अकाउंट बनाकर भोले-भाले लोगों से दोस्ती करते हैं और फिर उन्हें अश्लील वीडियो दिखाकर उनकी आपत्तिजनक वीडियो बना लेते हैं। बाद में वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पैसे ऐंठते हैं। इसके अलावा ये आरोपी खुद को सोशल वर्कर बताकर लोगों को सरकारी सहायता के नाम पर लाखों रुपये देने का झांसा देते और आवेदन शुल्क या अन्य बहाने से पैसे मंगवाते थे। गुप्त सूचना पर दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया। तलाशी में दोनों से कई मोबाइल फोन, फर्जी सिम कार्ड, बार कोड, ड्रीम-11 से जुड़ी फर्जी पोस्टें, सुंदर लड़कियों की फोटोज़ और अश्लील वीडियो बरामद हुईं। वारीस के दो व्हाट्सएप नंबर पर सोशल वर्कर सलमान और मुकेश आरबीआई नाम से प्रोफाइल बने हुए थे। जबकि जहीर के भी फोन में दो व्हाट्सएप नंबर लॉगिन मिले। जिनसे वह लोगों से फर्जी चैटिंग कर पैसे ऐंठता था। जांच में सामने आया कि इन मोबाइल नंबरों के खिलाफ पहले से दो ऑनलाइन शिकायतें दर्ज हैं,एक हासन, कर्नाटक से 20 हजार रुपये की ठगी और दूसरी सागर, मध्य प्रदेश से 67 हजार 500 रुपये की ठगी। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे फर्जी सिम कार्ड से अकाउंट बनाते थे और ठगी के बाद सिम तोड़कर फेंक देते थे ताकि उनका कोई सुराग न मिले। तीसरा केस में हसीन निवासी पचगांव थाना सदर तावडू, जिला नूंह को गिरफ्तार किया गया है। हसीन पर आरोप है कि उसने रैपिडो एप्लीकेशन का इस्तेमाल करके आमजन से संपर्क किया और झूठे टेक्स्ट मैसेज भेजकर उनसे पैसे ऐंठे। गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी अलग-अलग तरीकों से देशभर के लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे। बरामद मोबाइल और सिम कार्डों की तकनीकी जांच जारी है और संभावना है कि इनसे जुड़े कई और मामलों का खुलासा जल्द होगा। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि जिले में साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस की विशेष टीम लगातार निगरानी और कार्रवाई में जुटी हुई है।