राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन न्यायिक समाधान की ओर एक सशक्त कदम – एडीजे शशि चौहान

-राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाए गए 10 हजार 935 मामले
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को न्यायिक परिसर नूंह, पुन्हाना व फिरोजपुर झिरका में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में 10 हजार 935 लंबित मामलों का आपसी सहमति से समाधान हुआ तथा 13 करोड़ 50 लाख 69 हजार 201 रुपए की राशि का निपटारा कर त्वरित व किफायती न्याय दिया गया।
एडिशनल जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशि चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत प्री- लिटिगेशन केस में 859 केस प्राप्त हुए थे जिनमें से 852 का मौके पर निपटारा कर दिया गया है, जिसमें 51 लाख 16 हजार 608 रुपए की राशि के समझौते किए गए। उन्होंने बताया कि शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक रिकवरी संबंधी 1 हजार 316 मामलों का निपटारा किया गया, जिसमें 66 करोड़ 61 लाख 6 हजार 648 रुपए की राशि के समझौते किए गए। आपराधिक केसों में 88 मामलों का निपटान किया गया जिसमें 3 लाख 43 हजार 550 रुपए के समझौते किए गए। मोटर वाहन से संबंधित 59 मामलों का निपटान करते हुए 3 करोड़ 53 लाख 20 हजार 600 रुपए की राशि के समझौते किए गए। एनआई एक्ट केस अंडर सेक्शन 138 से संबंधित मामलों में 100 केसों का निपटारा किया गया, जिसमें 75 लाख 41 हजार 762 रुपए की राशि के समझौते किए गए। अन्य सिविल मामलों के 301 केस निपटाए गए, जिसमें 48 लाख 17 हजार 832 रुपए की राशि के समझौते किए गए। इसके अलावा 4 हजार 217 अन्य मामलों का भी समझौता किया गया, जिसमें 2 करोड़ 42 लाख 8 हजार 809 रुपए की राशि के समझौते किए गए। इसके अलावा रेवेन्यू के 4 हजार 815 मामलों का भी समाधान किया गया।
एडिशनल प्रिसिंपल न्यायाधीश पारिवारिक कोर्ट राजेश कुमार ने बताया कि इस लोक अदालत में बैंक ऋण, मोटर वाहन दुर्घटना, फौजदारी, दीवानी, वैवाहिक और पारिवारिक विवादों से जुड़े मामलों का निपटारा सफलतापूर्वक किया गया। लोक अदालतों का उद्देश्य न्यायालयों में वर्षों से लंबित मामलों को आपसी सहमति के आधार पर सौहार्दपूर्ण माहौल में सुलझाना है। उन्होंने यह भी कहा कि लोक अदालत में मामलों के निपटारे पर कोई वकील फीस नहीं ली जाती, जिससे वादियों को आर्थिक राहत भी मिलती है। इसके अतिरिक्त, लोक अदालतें समाज में भाईचारा, सहयोग और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देती हैं।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नेहा गुप्ता ने बताया कि लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान किया जाता है, जिससे वादियों को शीघ्र, प्रभावी और सुविधाजनक न्याय मिलता है। निर्धन पक्षकारों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नि:शुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जाती है, ताकि किसी को भी न्याय से वंचित न रहना पड़े। इस तरह राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन से न्याय के प्रति आमजन का विश्वास और भी मजबूत हुआ है। राष्ट्रीय लोक अदालत जैसे प्रयास न्याय प्रणाली को सरल, तेज और लोकहितैषी बनाने की दिशा में एक प्रभावशाली और सकारात्मक पहल हैं।