अपंजीकृत संस्थाओं के लिए अनाथ, यतीम व जरूरतमंद बच्चों को रखना गैर-कानूनी : अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशों की अनुपालना द्रढ़ता से की जा रही है। अपंजीकृत संस्थाओं के लिए अनाथ, यतीम व जरूरतमंद बच्चों को रखना गैर-कानूनी है तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 की उल्लंघना है। उन्होंने कहा कि अगर कोई अपंजीकृत सामाजिक संस्था अनाथ व यतीम बच्चों को रख रही है तो इसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दें। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित रखने में प्रशासन को अपना भरपूर सहयोग दें। ऐसा करके हम नादान मासूम बच्चों के साथ हो रहे अन्याय और दुव्र्यवहार को रोक सकते हैं।

  उन्होंने बताया कि जिले में यदि कोई ऐसा यतीमखाना अथवा संस्था जोकि किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अंतर्गत बिना पंजीकरण के चल रही है तो किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 42 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी, बिना पंजीकरण के चल रही संस्था की सूचना प्रशासन को दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 2 पंजीकृत संस्थाएं कार्यरत हैं।

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