एसटीपी को लेकर नांगल चौधरी के विधायक ने विधानसभा में उठाया मुद्दा
City24news@अशोक कौशिक
नारनौल। हरियाणा विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान वीरवार को नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव के प्रश्न के उत्तर में हरियाणा शहरी स्थानीय विभाग के मंत्री कमल गुप्ता ने बताया कि नारनौल नगर परिषद का वर्षों से निष्क्रिय पड़ा जलशोधन संयंत्र अगले एक वर्ष के अंदर नवीनीकरण उपरांत चालू कर दिया जाएगा।
विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि 2017 में स्थापित यह जल संशोधन संयंत्र अपनी परीक्षण अवधि भी पूरा नहीं कर पाया और आठ करोड़ से अधिक की लागत से बनी यह परियोजना आज निष्क्रिय और निरर्थक पड़ी है।
उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक बात यह है कि विभाग के उत्तर अनुसार 7.52 करोड़ रुपये की राशि काम करने वाली एजेंसी को अदा भी किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री हरियाणा की योजना अनुसार नारनौल में स्थापित तीनों जल संशोधन संयंत्रों द्वारा शोधित जल को कृषि भूमि में सिंचाई के लिए प्रयोग करने के लिए नांगल चौधरी हलके के तीन गांव भांखरी, गोद, बलाह कलां एवं बलाह खुर्द की लगभग ढाई हजार एकड़ जमीन की सिंचाई के लिए तीस करोड़ रुपये से अधिक की लागत से एक स्पेशल योजना बनाई गई है जो लगभग पूरी हो चुकी है और सिंचाई के लिए तैयार है परन्तु दुर्भाग्यवश नगर परिषद नारनौल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण एवं जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के तीन एसटीपी जिनसे शोधित जल प्राप्त होना था वह अभी निष्क्रिय पड़े हैं।
उन्होंने कहा कि जनस्वास्थ्य विभाग के एसटीपी के नवीनीकरण का काम जारी है तथा विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार मार्च के अन्त तक अपना काम करना प्रारंभ कर देगा। शहरी विकास प्राधिकरण का एसटीपी आंशिक रूप से चल रहा है तथा इसको पूरी क्षमता के साथ चलाने के लिए इसमें काम करने की आवश्यकता है परन्तु नगर परिषद नारनौल के एसटीपी को पूर्ण रूप से नवीनीकरण की जरूरत है क्योंकि उसकी मशीनरी लंबे समय से न चलने के कारण खराब हो चुकी है।
शहरी स्थानीय मंत्री ने विधायक को आश्वस्त करते हुए बताया कि इस प्रोजेक्ट की मरम्मत करने के लिए आवश्यक राशि जन स्वास्थ्य विभाग को आज ही भेज दी गई है और अगले एक वर्ष में यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
विधायक ने मन्त्री जी का धन्यवाद करते हुए अनुरोध किया कि उक्त कार्य को तेज़ी से करते हुए अगले छः महीने में यह काम पूरा करने का अनुरोध किया । उन्होंने कहा कि सिंचाई की परियोजना पूरी हो चुकी है और उसे शीघ्र चालू करने की आवश्यकता है।जब तक शोधित जल उपलब्ध नहीं होगा तब तक सिंचाई परियोजना को नहरी पानी से जोड़कर इसे चालू किया जाएगा। जब तीनों संयंत्रों से शोधित जल उपलब्ध होने लगेगा तो यह सिंचाई परियोजना महीने में कम से कम 25 दिन इन चारों गांवों को पानी देने की स्थिति में आ जाएगी। विधायक ने सरकार के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि महेंद्रगढ़ ज़िले की पूरी जल व्यवस्था को सुदृढ़ और स्थायी बनाने के अपने संकल्प के साथ वह हमेशा प्रयत्नशील रहे हैं और रहेंगे।