फसल कटाई सीजन में होती हैं आग की 100 से अधिक घटनाएं
City24news@निकिता माधोगड़िया
रेवाड़ी। जिले में गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है। गर्मियों के सीजन के दौरान छोटी-बड़ी आग लगने की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। लेकिन आग पर काबू पाने के लिए बनाया गया अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा विभाग कर्मचारियों और अग्निशमन गाड़ियों दोनों की कमी से जूझ रहा है। इससे कर्मचारी और आम लोग दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस समय पूरे जिले में सिर्फ 72 कर्मचारी तैनात हैं। इसमें चालक केवल 11 और फायरमैन 25 हैं। फायर ऑपरेटर कम ड्राइवर 22 और लीडिंग फायरमैन 10 हैं। वहीं 3 असिस्टैंट फायर स्टेशन ऑफिसर तैनात हैं। विभाग के अधिकारी मामचंद शर्मा का कहना है कि विभाग को सही तरीके से कार्य करने के लिए कुल 139 कर्मचारियों की आवश्यकता है। विभाग को सबसे ज्यादा 60 फायरमैन की आवश्यकता है। इसके लिए कई बार उच्चाधिकारियों को लिखा गया है, लेकिन अभी तक रिक्त पदों को नहीं भर जा सका है। कर्मचारियों की कमी के चलते विभाग के कर्मचारी 12-12 घंटे काम कर रहे हैं ताकि आग की घटनाओं को रोकने के लिए 24 घंटे काम चलता रहे। वहीं फसल की कटाई, त्योहार के सीजन में विभाग के कर्मचारियों की छुट्टी भी रद्द कर दी जाती है। इसके कारण कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसी कर्मचारी को कोई इमरजेंसी आती है, तो उसे अवकाश लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। कर्मचारियों को आराम देना भी जरूरी है, ताकि वे पूरी शक्ति से काम कर सकें। लेकिन कर्मचारियों की कमी से ऐसा नहीं हो पा रहा है। लंबे समय से विभाग में कर्मचारियों और अग्निशमन गाड़ियों की कमी चल रही है। इसके लिए उच्चाधिकारियों को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन इस पर उनके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारी और अधिकारी मिल कर 24 घंटे काम कर रहे हैं, ताकि लोगों को किसी भी दुर्घटना से बचाया जा सके।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रेवाड़ी में सिर्फ 1 फायर स्टेशन है। समय के साथ रेवाड़ी के क्षेत्रफल और जनसंख्या दोनों में वृद्धि हुई है। इससे आग लगने की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है, लेकिन रेवाड़ी में केवल एक ही फायर स्टेशन है। शहर में एक और फायर स्टेशन बनाने के लिए अभय सिंह चौक पर टीडीपी स्कीम के तहत जमीन भी मिली हुई है। फायर स्टेशन के निर्माण के प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।
विभाग के अधिकारियों के अनुसार एक अग्निशमन गाड़ी को 24 घंटे कार्य करने के लिए 8-8 घंटे की ड्यूटी के हिसाब से 18 कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। एक गाड़ी को सही से संचालित करने के लिए एक चालक, 4 फायरमैन, 1 लीड फायरमैन की आवश्यकता होती है। इस हिसाब से भी विभाग को 24 घंटे काम करने के लिए 139 कर्मचारियों की आवश्यकता है।
लेकिन विभाग के पास सिर्फ 72 कर्मचारी हैं। वहीं विभाग अग्निशमन गाड़ियों की भी कमी से जूझ रहा है, विभाग के पास 17 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और 3 फायर बाइक ही हैं। इसमें फायर बाइक रेवाड़ी में 1, बावल में 1 और कोसली में 1 तैनात है। जो कि बहुत कम है, अगर इन शहरों में किसी ऐसी जगह पर आग लगने की घटना हो जाती है, जहां बड़ी अग्निशमन की गाड़ियां नहीं पहुंच सकती है, तो आग पर काबू पाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रेवाड़ी के लिए कई बार एक हाइड्रोलिक प्लेटफार्म, बावल और धारूहेड़ा के लिए 1-1 वाटर टेंडर और फोम टेंडर गाड़ियों के साथ फायर बाइक के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा गया था, लेकिन अभी तक इसका कोई जवाब नहीं आया है।