मोबाइल वाटर टेस्टिंग लैब ने सात गावों में की पेयजल की जांच

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-ग्रामीणों को पेयजल संरक्षण के प्रति किया जागरूक
City24news/सुनील दीक्षित 
जल जीवन मिशन के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से मोबाइल वॉटर टेस्टिंग वैन के माध्यम से गावों में जाकर पानी की जांच की जा रही है। शुक्रवार को कनीना विकास खंड के गांव गुढा में पेयजल की जांच की गई। खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार ने बताया कि उनकी ओर से अब तक सात गांवों का जल परिक्षण किया जा चुका है। जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर जल परीक्षण हेतु नमूने लिए जातें हैं। भविष्य में जल संकट का सामना न करना पड़े उसके लिए हमें जल स्रोतों का संरक्षण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गिरते भूजल स्तर के साथ साथ जल की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसका कारण बढ़ते शहरीकरण और औधोगिकीकरण का भी रहा है। हमें जल स्वच्छता और संरक्षण को जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाना होगा। लैब केमिस्ट उजवल प्रसाद ने बताया कि जल के रासायनिक जांच में पीएचमान, फ्लोराइड, नाइट्रेट, टर्बेडिटी, आयरन, हार्डनेस, टीडीएस की मात्रा की मौके पर ही जांच की जाती है। शुक्रवार को गुढा के अलावा नांगल, रसूलपुर, कैमला,झगडौली,बूचावास, आनावास में वाटर टेस्टिंग मोबाइल वैन ने दौरा कर जल परिक्षण किया। कई जगह जल दूषित होने के लक्षण मिले। इस मौके पर गुढ़ा सरपंच विरेन्द्र दीक्षित, मोटर चालक राकेश, शिशपाल, ब्रह्मप्रकाश, सुंदर, जगदीश प्रसाद, सोमदत्त, सुजीत, बजरंग, विरेन्द्र, सतीश, विक्रम अजीत मौजूद थे।
कनीना-गुढा में पंहुची मोबाइल टेस्ट यूनिट लैब।

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