विधायक आफताब ने किया मेडिकल कालेज का निरीक्षण, निदेशक संग बैठक।

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | शुक्रवार को नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद ने शहीद हसन खान मेवाती मेडीकल कॉलेज का निरीक्षण कर डॉक्टरों स्टाफ और निदेशक संग बैठक कर कार्यों की समीक्षा की। विधायक आफताब अहमद ने हाल ही में मुख्यमंत्री के साथ नूंह में हुई बैठक में मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजिस्ट, दवाईयों, डॉक्टर, सुविधाएं देने का आह्वान किया था जिस पर खुद मुख्यमंत्री ने उन्हें सकारात्मक आश्वाशन दिया था।
विधायक ने आज चंडीगढ़ आला अधिकारियों से मां शिशु देखभाल इकाई और सीसीयू इकाई स्थापित करने के लिए जल्द टेंडर जारी करने के लिए बात की।
विधायक आफताब अहमद ने बताया कि एक हफ्ते पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और एसीएस अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई थी कि 10.28 करोड़ रुपए की राशि मेडीकल कॉलेज की मरम्मत और सुधार के लिए, 21.75 करोड़ रुपए सेवाओं हेतु मंजूर किए जा चुके हैं जबकि 25 करोड़ रुपए रहन सहन सुविधाओं के लिए मंजूर होने वाले हैं। इसके अलावा 10 करोड़ रुपए से अधिक की राशि दवाओं आदि के लिए मंजूर होने को है। डॉक्टरों की भर्ती सरकार ने निकल दी थी उनके साक्षात्कार होने को थे। उनसे आश्वासन दिया गया था कि एक हफ्ते में मेडीकल कॉलेज में रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध कराया जाएगा। इसलिए एक हफ्ते बाद वो हालातों का जायजा लेने आए हैं।
पत्रकारों से बातचीत में विधायक आफताब अहमद ने कहा कि राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में संसाधनों की भारी कमी है। जिसके कारण यहां आने वाले मरीजों और तीमारदारों को परेशानी उठानी पड़ रही है। संसाधनों की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों को दवाइयों से लेकर मरहम पट्टी तक के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में संसाधनों की कमी को लेकर विधायक आफताब अहमद ने मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार के समीप एक दिवसीय धरना दिया था, कई बार मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों संग बैठक कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज की दुर्दशा के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
तकरीबन 650 करोड़ रुपए की लागत से बने आलीशान मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड चलाने के लिए रेडियोलॉजिस्ट नहीं है और एक्स-रे मशीनों की सुविधा संतोषजनक नहीं है। आपातकालीन वार्ड तथा ऑपरेशन कराने वाले मरीजों को भी अस्पताल के बाहर से एक्स-रे कराने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस दौरान आफताब अहमद ने कहा कि यह सरकार सैकड़ों करोड़ रुपये से कांग्रेस शासनकाल में बने इस मेडिकल कॉलेज को बर्बाद करने पर तुली हुई है।
खराब पड़ी ज्यादातर मशीनें: इस मेडिकल कॉलेज में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है। दवाइयां नहीं है और डॉक्टरों की भारी कमी है, मेडिकल कॉलेज की मशीनें जर्जर हो चुकी हैं और स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी नहीं है। जबकि कांग्रेस शासनकाल में इस अस्पताल में इस तरह की कोई दिक्कत नहीं थी। 2014 में जब से यह सरकार सत्ता में आई है तब से इस मेडिकल कॉलेज में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 10 दिन पूर्व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध कराने का वायदा किया था जो अभी पूरा नहीं हुआ है।
निदेशक ने आश्वासन दिया कि दवाइयों सहित अन्य कमी को जल्द ही दूर कर दिया जाएगा, इस दौरान विधायक आफताब अहमद ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार जान बुझ कर इसे बर्बाद करने पर आमदा है, लेकिन हम इसे बर्बाद नहीं होने देंगे।
विधायक आफताब अहमद ने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सहयोग से नूंह के नल्हड़ गांव की तकरीबन 94 एकड़ भूमि में करीब 650 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2012 में शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया गया था। अच्छे डॉक्टर्स यहां लाए गए थे लेकिन 2014 के बाद से कॉलेज की स्थिति लगातार खराब हुई है।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि
इलाके के लोगों को इस मेडिकल कॉलेज से बड़ी उम्मीद थी, लेकिन अवस्थाओं के कारण यह मेडिकल कॉलेज लोगों के लिए सफेद हाथी साबित होने लगा है। यह मेडिकल कॉलेज यहां होने वाले भ्रष्टाचार से लेकर अन्य खामियों के कारण चर्चा में रहता है। हमने इसको लेकर सड़क से विधानसभा तक आवाज उठाई है लेकिन सरकार इसका कोई समाधान नहीं निकाल सकी है।