नांगल चौधरी हलके के 3 गांवों में सूक्ष्म सिंचाई प्रोजेक्ट तैयार
- विधायक डा अभय सिंह यादव ने आकोली में देखा प्रारंभिक परिचालन
- जल भंडार से सोलर पंप के जरिए उठाकर किसानों के खेत में पहुंचेगा पानी
- किसानों की 2575 एकड़ भूमि होगी सिंचित
city24news@अशोक कुमार कौशिक
नारनौल। नांगल चौधरी हलके में सूक्ष्म सिंचाई की तीन योजनाओं का काम अंतिम चरण में है। यह सूक्ष्म सिंचाई प्रोजेक्ट आकोली रामबास एवं दौंगली गांवों में लगभग बनकर तैयार है। आज आकोली गांव में पहुंचकर विधायक डा अभय सिंह यादव ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ आकोली गांव में उनका प्रारंभिक परिचालन देखा। इस परियोजना के तहत गांव कांवी से आगे नोलपुर डिस्ट्रीब्यूटरों के पंप हाउस में अतिरिक्त मोटर लगाकर आकोली गांव में बने जल भंडार को जोड़ा गया है तथा इसके ऊपर सोलर पंप लगाए गए हैं जो यहां से पानी उठाकर किसानों के खेत में पहुंचाएंगे। इसके लिए 36 किलोमीटर लंबी लाइन पाइपलाइन किसानों के खेतों में बिछाई गई है तथा पाइप लाइन के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली द्वारा किसान के खेत को सिंचित किया जा सकेगा। इसी तरह की परियोजना दौंगली व रामबास में भी बनायी गई है। लगभग 38 करोड़ रुपए की कुल लागत से किसानों की कुल 2575 एकड़ भूमि सिंचित होगी। इस योजना के तहत चुने गए तीनों ही गांवों में नहर से सीधे पानी उपलब्ध नहीं है।
डाक्टर यादव ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई योजना अब कृषि की आधुनिक तकनीक पर आधारित है जिससे कम पानी में अच्छी फ़सल तैयार की जाती है तथा इसमें पानी फ़िज़ूल में ख़र्च नहीं होता। जितने पानी की फ़सल को ज़रूरत है उसके मुताबिक़ इस प्रणाली द्वारा पानी पहुंचाया जाता है। नियमित और निश्चित पानी व्यवस्था के कारण मिट्टी की गुणवत्ता भी बनी रहती है तथा भूमि का उपजाऊपन भी पानी से प्रभावित नहीं होता। कृषि भूमि से लंबे समय तक फ़सल लेने के लिए यह सर्वोत्तम विधि है तथा अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मापदंडों पर यह खरी उतरने वाली विधि है।
डॉक्टर यादव ने आगे बताया कि दो अन्य गांवों में ऐसी परियोजनाएं लगायी जानी है जिसमें इकबालपुर नंगली में भी ऐसी ही परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इस प्रणाली को आगे बढ़ाने के लिए नांगल चौधरी हलके में अटल भूजल योजना के तहत बनाए गए पक्के तालाबों में भी गांव थनवास, ढाणी सैनियान, नायन, सैद अलीपुर, कोरियावास, धानोता, बशीरपुर, नांगल पीपा, नेहरूनगर, धानोता व दोचाना गांव सम्मिलित हैं। डॉ यादव ने किसानों को अधिक से अधिक सूक्ष्म सिंचाई विधि अपनाने का अनुरोध किया।