मेवातियों ने देश और धर्म में से हमेशा देश को ऊपर रखा

-अमर शहीद हसन खान मेवाती के शहीदी दिवस पर खैराज ए अकीदत पेश की।
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | अमर शहीद हसन खां मेवाती के शहीदी दिवस पर पीएम श्री स्कूल पाटखोरी में एक श्रद्धांजलि सभा और विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। सभा में मेवात के हजारों शहीदों को खैराज ए अकीदत पेश की गई और शहीदों की कुर्बानियों का गाथाओं को साझा किया गया।
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य परवीन सैनी ने कहा कि मेवात के लोग वतन परस्त हैं। इसका सुबूत मेवातियों ने मुगलों से लेकर अंग्रेजों से संघर्ष में अपनी जानें गंवाई लेकिन कभी अधीनता स्वीकार नहीं की।
विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रवक्ता नाजिम आजाद ने कहा कि मेवात की धरती के पानी में ही वतन परस्ती जीवित है। राजा हसन खान मेवाती को बाबर ने अपने धर्म का वास्ता दिया और उसके भाई को भी रिहा करने का प्रलोभन दिया लेकिन राजा हसन खां मेवाती ने जवाबी पत्र लिखकर कहा कि ” ये ठीक है कि आप मुसलमान हो और मैं भी मुसलमान हूं लेकिन आप भूल गए कि मैं पहले भारतीय हूं, मुझे वतन से प्यार करना और वतन पर जान निसार करना मेरे मजहब ने ही सिखाया है” । राजा हसन खां मेवाती ने धर्म और देश प्रेम में से देश प्रेम को तरजीह दी और राणा सांगा के साथ खानवा के मैदान में लड़ते हुए अपने 12 हजार घुड़सवारों के साथ वीरगति को प्राप्त हुए। इस तरह से मेवातियों का इतिहास कुर्बानियों और देश प्रेम की गाथाओं से भरा हुआ है।
प्रवक्ता पवन यादव ने विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि मेवात अध्ययन केंद्र मेवात के शहीदों और दूसरी देश प्रेम की गाथाओं को संकलित करने का कार्य कर रहा है। मेवात के लोग मेवात के ही शहीदों को भूलते जा रहे हैं ,मेवात अध्ययन केंद्र की कोशिश है कि ऐसे शहीदों की गाथाओं को संकलित कर मेवात के लोगों के बीच लाया जाए।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य परवीन सैनी, प्रवक्ता नाजिम आजाद, पदम सिंह, हरिओम गोयल, अनीता देवी, जितेन्द्र जैन, शेर मोहम्मद, सलामुद्दीन, रेहाना खान विकास, राशिद सहित सैकड़ों विद्यार्थी मौजूद रहे।