मेवात मित्र वेलफेयर सोसाइटी फरीदाबाद द्वारा विक्रमी सम्वत 2082  नवसंवत्सर महोत्सव का आयोजन                                                                                        

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City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। मेवात मित्र वेलफेयर सोसाइटी फरीदाबाद द्वारा विक्रमी सम्वत 2082  नवसंवत्सर महोत्सव का आयोजन सामुदायिक केन्द्र सेक्टर-15 में धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में केबीनेट मंत्री विपुल गोयल व राज्यमंत्री राजेश नागर उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता देव प्रसाद भारद्वाज प्रान्त अध्यक्ष, विद्या भारती हरियाणा थे व कार्यक्रम की अध्यक्षता सूरजभान गर्ग जी द्वारा की गई। कार्यक्रम की शुरुआत आएं हुऐं सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस मौके पर कुलदीप अग्रवाल, राज कुमार सीकरी, उमेश गोयल, परमानन्द गोयल, गुलशन सिंघल, विपिन गोयल, रमेश गर्ग, महेश तनेजा ने आये हुए सभी मेहमानों का स्वागत पटका डालकर किया । इस अवसर पर केबीेनेट मंत्री विपुल गोयल ने नव संवत्सर की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नवसंवत्सर हिन्दुओं का नववर्ष है। सह सदियोंं से बनता आ रहा है। बीते कुछ समय में पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव के कारण हम चौत्र शुक्ल प्रतिपदा को भूलकर एक जनवरी को नववर्ष बनाने लगे थे। भारत विश्व गुरू तभी बनेगा जब हम देश की संस्कृति के लिए निरंतर कार्य करते रहेगें। राज्यमंत्री राजेश नागर ने कहा कि नवसंवत्सर यानि  भारतीय नववर्ष प्रकृति के नव यौवन के साथ समस्त प्राणियों को नवजीवन प्रदान करता है। उन्होनें आगे कहा कि विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन आरएसएस के संस्थापक डॉ0 हेडगेवार जी का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था। मुख्य वक्ता देव प्रसरद भारद्वाज नेे अपने उनबोधन में कहा की भारतीय नव वर्ष विक्रम नवसंवत्सर गौरव का दिन है सम्मान का दिन है। लेकिन कितने लोग इसे जानते है। आज की युवा पीढ़ीी की अगर बात करे तो वह अंग्रेजी हैप्पी न्यू इयर तो मानती है। लेकिन  भारतीय संस्कृति और भारतीय नववर्ष का ज्ञान उसे एकदम नही है। हम सब का कर्तव्य बनता है कि हमारी आने वाली पीढ़ी को भारतीय संस्कृति का ज्ञान अवश्य दे । भारतीय नववर्ष के दिन से ही नवरात्रों की शुरआत होती है। फिर रामनवमी भी आती है। गुलशन सिंघल ने कहा कि भारत की संस्कृति ही हमारी सबसे बड़ी धरोहर है इसे बचाना  हम सब का पहला कर्तव्य है। हिन्दू धर्म के लोग अपने साल भर में आने वाले सभी त्यौहार इसी नववर्ष के अनुसार मनाते है। हिंदू कैलेंडर जिसे पंचांग कहते हैं उसके अनुसार ही सभी शुभ काम भी करते हैं। 

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