महावीर हनुमान जन्मोत्सव ग्राम किरा में मनाया गया

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | चैत्र माह के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि महावीर हनुमान जन्मोत्सव पर ग्राम किरा में मनाया गया जिसमें हनुमान चालीसा उसके विराट स्वरूप उसके जीवन पर प्रकाश डाला इस अवसर पर आचार्य राजेश ने कहा महावीर हनुमान अगस्त ऋषि के शिष्य व्याकरण और वेद वेदांगो के महान विद्वान, वैज्ञानिक, अखंड ब्रह्मचारी अद्भुत बलशाली और पराक्रमी योद्धा,स्वामी भक्ति की मूर्तिमान स्वरूप आर्य थे। उन्होंने कहा वानर जनजाति के वीर हनुमान थे। वह जाति वन में निवास करती थी और वही का भोजन करते थे। हनुमान बंदर नहीं थे। क्योंकि बंदर कभी वेदांग और व्याकरण शास्त्र आदि नहीं पढ़ सकते। यज्ञोपवीत अर्थात जनेऊ धारण करना मनुष्य का धर्म है। आचार्य राजेश ने कहा डार्विन का सिद्धांत बिल्कुल गलत है जिन्होंने मनुष्य की उत्पत्ति बंदर के रूप में बताया मनुष्य बनने के बाद अब हम क्या बनेंगे मनुष्य की उत्पत्ति मनुष्य की आकृति में ही हुई थी। मनुष्य और सृष्टि करोड़ों वर्ष से पहले की है।आचार्य राजेश ने कहा ईश्वर भक्त हमेशा सच्चे मार्ग पर चलकर अपने जीवन को धन्य करने के साथ-साथ दूसरों के जीवन को भी धन्य करता है। इस अवसर पर नरेंद्र चौहान ने कहा कुशाग्र बुद्धि के द्वारा उन्होंने लंका में पहुंचकर भगवान श्री राम का लंका पर विजय प्राप्त करने में अपना अमूल्य योगदान दिया वीर हनुमान ईश्वर भक्ति के साथ सच्चे आर्य थे। नरेंद्र चौहान ज्योति चौहान,ओमवीर रावत हनुमत, विजन सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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