नूंह साइबर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: दो साइबर अपराधी गिरफ्तार, पूर्व आरोपियों को दिलाई शपथ।

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | नूंह जिला की साइबर क्राइम पुलिस ने एक बार फिर साइबर अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए दो संदिग्ध अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार इन गिरफ्तारियों से जुड़े मुकदमे थाना साइबर क्राइम नूंह में दर्ज किए गए हैं, जिनमें लाखों रुपये की ऑनलाइन ठगी और फर्जी सिम-बैंक खातों का इस्तेमाल शामिल है। इसके अलावा, साइबर थाना पुलिस ने जागरूकता अभियान के तहत कुछ पूर्व साइबर अपराधियों को सामूहिक शपथ दिलाई है, जिसमें उन्होंने वादा किया कि वे भविष्य में कभी साइबर अपराध नहीं करेंगे। यदि वे ऐसा करते पाए गए, तो उन्हें सरकारी सेवाओं से वंचित किया जा सकता है, जैसे कि ड्राइविंग लाइसेंस जारी न करना।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि गत चार जुलाई को साइबर थाना पुलिस ने दीपक निवासी तावडू की शिकायत पर एक मुकदमा दर्ज किया था। जिसके अंतर्गत सुरेंद्र कुमार मीणा पुत्र निवासी ग्राम कुकडेला मीणों श्यामसागर की ढाणी थाना विराटनगर, जिला कोटपुतली-बहरोड़, राजस्थान को गिरफ्तार किया गया है।शिकायतकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि टेलीग्राम आईडी के माध्यम से उसे घर बैठे काम का लालच देकर वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराया गया और विभिन्न बैंक खातों में कुल लगभग 56 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए। पुलिस जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित की गई, जिसमें तकनीकी साक्ष्य, बैंक रिकॉर्ड और डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार किया और पुलिस हिरासत रिमांड के दौरान अतिरिक्त जानकारी दी।जांच में सह-अपराधियों की तलाश और तकनीकी डाटा प्राप्त करना बाकी है। जबकि दूसरे केस में फर्जी फेसबुक पेज और बैंक खातों से ठगी का आरोप है। उन्होंने बताया कि मामले में गत 22 जुलाई को साहिल निवासी साकरस थाना सदर फिरोजपुर झिरका, जिला नूंह को गिरफ्तार किया गया। पुलिस टीम ने इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर पोर्टल के माध्यम से संदिग्ध मोबाइल नंबरों की ट्रैकिंग की, जिसमें एक मोबाइल नंबर अलग अलग कई शिकायतें मिलीं, जिनमें करीब 28 हजार रुपये की ठगी शामिल है। जांच में फर्जी फेसबुक पेज और व्हाट्सएप बिजनेस अकाउंट्स का इस्तेमाल पाया गया, जहां खिलौनों की एड देकर लोगों को ठगा जाता था। आरोपी से मोबाइल फोन, सिम कार्ड और बैंक खाते जब्त किए गए। आरोपी ने अपराध स्वीकार किया,जांच में अन्य सह-अपराधी भी शामिल हैं, जिनकी पहले गिरफ्तारी हो चुकी है।

जागरूकता अभियान: पूर्व अपराधियों को शपथ

पुलिस प्रवक्ता ने आगे बताया कि साइबर थाना पुलिस ने जागरूकता अभियान चलाते हुए कुछ पूर्व साइबर अपराधियों, जो पहले मुकदमों में संलिप्त रहे थे, को सामूहिक शपथ दिलाई। शपथ में उन्होंने प्रतिज्ञा की कि वे भविष्य में कभी साइबर अपराध नहीं करेंगे। यदि वे ऐसा करते पाए गए, तो उन्हें सरकारी सेवाओं से वंचित किया जा सकता है, जैसे कि ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या अन्य सरकारी दस्तावेज जारी न करना। यह कदम साइबर अपराध को रोकने और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए उठाया गया है। पुलिस आमजन से अपील की कि वे ऑनलाइन ठगी से सतर्क रहें और संदिग्ध लिंक या ऑफर पर क्लिक न करें। किसी भी साइबर फ्रॉड की शिकायत 1930 हेल्पलाइन या नजदीकी साइबर थाने में दर्ज कराएं।

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