महर्षि दयानंद की वैदिक अलख गांव-गांव जगानी होगी : युद्धवीर आर्य 

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City24news@सचिन भारद्वाज

हथीन | महर्षि दयानंद की वैदिक अलख गांव-गांव जगाने होगी तभी देश से पाखंड के अंधकार  को दूर किया जा सकता है। यह विचार डॉ युद्धवीर आर्य ने दयानंद जन सेवा समिति व आर्य समाज कौडल के संयुक्त तत्वाधान में गांव कौडल में महाशय करतार सिंह की स्मृति में आयोजित  यज्ञ के समापन पर लोगों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। युधिष्ठिर आर्य ने  यजमान की भूमिका निभाई। यज्ञ  में आर्य समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।महाशय सीताराम आर्य कहा के महाशय करतार सिंह आर्य ने समाज सेवा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किए‌। उन्होंने वैदिक विचारधारा के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभाई। तथा सामाजिक कुरीतियां के खिलाफ  जनजागरण अभियान चलाया। महाशय ओमप्रकाश आर्य ने बताया कि  महाशय करतार सिंह ने निर्धन तथा असहाय  बालक व बालिकाओं की पढ़ाई लिखाई के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की उनकी‌ यज्ञ हवन और महर्षि दयानंद के प्रति  अटूट आस्था थी। उन्होंने सैदेव सत्य व न्याय का पक्ष लिया।इस मौके पर आर्य सभा के प्रतिनिधि चरन सिंह आर्य ने  कहा कि ईश्वर और धर्म के नाम पर निरन्तर पाखण्ड बढता ही जा रहा‌ है ।अवैदिक मान्यताओं को रोकने के लिए आर्य समाज को राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाना चाहिए। इस मौके पर  आर्य समाज के प्रधान शेर सिंह आर्य, घासीराम सूबेदार, मास्टर बसन्त कुमार, विक्रम सिंह आर्य, चन्द्र प्रकाश प्रधान,शिवकुमार, ऊधम सिंह सब इंस्पेक्टर, कमल सिंह,महाशय अतर सिंह आदि ने महाशय करतारसिंह आर्य को श्रद्धांजलि प्रदान की। भगत सिंह तेवतिया ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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