नूंह में बुलाई गई किसानों द्वारा महापंचायत

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अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों की महापंचायत में प्रशासन ने मांगा एक माह का समय।
महापंचायत में डीएसपी, एसडीएम सहित भारी पुलिस बल तैनात ।
15 अगस्त से पहले 500 ट्रैक्टरों के साथ निकालेंगे यात्रा : किसान नेता आज़ाद।

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह| जिले के आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर 29 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों ने गुरुवार को महापंचायत की। इस दौरान महापंचायत में हरियाणा के किसान नेता आज़ाद सिंह और दिल्ली के किसान नेता दलजीत सिंह सहित कई राज्यों के किसानों ने भाग लिया। किसानों की महापंचायत में किसानों द्वारा बड़ा निर्णय लेने की ख़बर सुन पंचायत के दौरान मौके पर भारी पुलिस बल व नूंह जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम विशाल मौजूद रहे। इस दौरान किसानों ने मौके पर पहुंचे प्रशासन से कहा कि सरकार ने उनसे जो एफिडेविट ले रखे हैं उन्हें रद्द किया जाए और उनके पिछले 9 साल से बकाया 25 लाख रुपए उन्हें ब्याज सहित दिए जाए। जिसपर जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम विशाल ने किसानों से महापंचायत में बातचीत करते हुए कहा कि उनकी मांगे ऐसी हैं जो ज़िला स्तर पर डीसी और एसडीएम द्वारा पूरी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि आपकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए उन्हें समय चाहिए ताकि वे आपकी मांगों को पूरा करवा सकें। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि आपकी मांगें जायज़ हैं और ज़िला प्रशासन आपके साथ है। इसलिए आप शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन करते हुए प्रशासन का सहयोग करे और इन मांगों को सरकार से मनवाने के लिए ज़िला प्रशासन को पांच सप्ताह का समय दें। ताकि आपकी मांगों को सरकार तक पहुंचाकर उन्हें पूरा कराया जा सके। इस दौरान किसान नेता आज़ाद ने महापंचायत में आए सभी किसानों से हाथ उठवाकर प्रशासन को समय देने के लिए राय मांगी, जिसपर पंचायत में आए किसानों ने कहा कि ये उनका प्रशासन के लिए आखरी समय है। अगर पांच सप्ताह में उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वो आगे निर्णय कर कठोर कदम उठाएंगे, जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा। इस दौरान किसान नेता आज़ाद ने कहा कि पिछले 6 महीने से किसानों द्वारा अपनी ज़मीन का मुआवजा लेने के लिए शांति पूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है और उन्होंने कहा कि वो प्रशासन के साथ हैं और जब तक प्रशासन उनकी मांगों को मनवाने के लिए सरकार से बात करेगा वो पांच सप्ताह तक शांति पूर्ण तरीके से धरना पर बैठे रहेंगे।

बता दें कि आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसानों की वर्ष 2010 में 1600 एकड़ अधिग्रहण की जमीन की गई थी। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि उक्त गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके और सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं।

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