विधवा महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा ऋण :- उपायुक्त धीरेद्र खड़गटा

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विधवा अनुदान योजना के तहत स्वरोजगार के लिए तीन लाख रुपये तक के ऋण का प्रावधान

City24news/अनिल मोहनिया

नूंह| उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त, स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। सरकार द्वारा विधवा अनुदान योजना के तहत राज्य की विधवा, तलाक शुद्धा या कानूनी रूप से अलग हुई महिलाओं को बैंकों के माध्यम से स्वरोजगार हेतु 3 लाख रुपये तक ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है।

धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि इस योजना का लाभ 3 लाख रुपये तक वार्षिक आय वाली महिलाओं को प्रदान किया जाता है। इसकी पात्रता शर्तों में महिला की आयु 18 से 60 वर्ष, पूर्व के किसी ऋण मामले में डिफाल्टर न होना, हरियाणा का निवासी होना शामिल है। योजना के तहत बैंक ऋण के ऊपर लगे ब्याज की प्रतिपूर्ति हरियाणा महिला विकास निगम द्वारा अनुदान के रूप में अदा कर की जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 50 हजार रुपए व अवधि 3 वर्ष जो भी पहले होगी।
 *योजना के तहत इन व्यवसायों के लिए मिल सकता है ऋण :-* धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि इस योजना के तहत डेयरिंग, वाहन के तहत ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, सामाजिक व व्यक्तिगत सेवा गतिविधियों के तहत सैलून, मसाला यूनिट, डोना बनाना, रेडीमेड गारमेंट्स, ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग, बुटीक, पापड़ बनाना, आचार बनाना, हलवाई की दुकान, फूड स्टॉल, आइसक्रीम बनाने की यूनिट, बिस्कुट बनाना, टिफिन सर्विस, स्कूल यूनिफॉर्म सीलना इत्यादि शामिल है। 

*योजना का लाभ लेने के लिए निर्धारित दस्तावेज :-* 

उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि उपरोक्त योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को निर्धारित दस्तावेज आवेदन के साथ जमा करवाने होंगे। इन दस्तावेजों में आवेदन पत्र, राशन कार्ड, परिवार पहचान पत्र, आधार कार्ड, पति का मृत्यु प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के फोटो, रिहायशी प्रमाण पत्र आदि शामिल है तथा आवेदक के पास उपरोक्त सभी दस्तावेजों की दो-दो कॉपी होनी चाहिए।

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