लता मंगेशकर के इस गीत को सुनकर रो पड़े थे,’प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू’
City24news/भावना कौशिश
मुंबई। ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ नामक देशभक्ति भरा गाना सभी के दिल को छू जाता है। इस गाने को जब लता मंगेशकर ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सामने गाया, तब वह भी रो पड़े थे.1962 में चीन के साथ हुए युद्ध के बाद, पूरे देश में एक हताशा का माहौल था। इस अवस्था में, जब लोगों की आत्मविश्वास में कमी थी, लता मंगेशकर ने एक गीत गाया जो राष्ट्र के मनोबल को बढ़ाने में मदद करने का प्रयास किया और जिसे सुनकर पूरा देश भावुक हो गया था।साल 1963 में, कवि प्रदीप ने एक देशभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ लिखा और फिर इसे गाने के लिए लता मंगेशकर से अनुरोध किया। प्रदीप चाहते थे कि इस गाने को गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सामने प्रस्तुत किया जाए।
लता मंगेशकर ने इस गाने को गाने से मना किया, क्योंकि उनके पास रिहर्सल के लिए काफी कम समय था, लेकिन कवि प्रदीप की जिद के कारण उन्होंने इसे गाने का निर्णय लिया। गाने की पहली प्रस्तुति दिल्ली में 1963 में गणतंत्र दिवस समारोह में हुई। इस समारोह में शंकर-जयकिशन, मदन मोहन, राज कपूर, दिलीप कुमार, इत्यादि बड़ी हस्तियां मौजूद थीं।
लता मंगेशकर को इस गाने को गाने में हताशा महसूस हुई, और वे बहुत नर्वस थीं। गाने के मौके पर वह वहां मौजूद सभी लोगों को देखकर और उनमें महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों को देखकर और भी अधिक भावुक हो गईं। इस अद्भुत गाने ने आधुनिक भारतीय संगीत के इतिहास में एक अमूल्य स्थान बनाया है।
लता मंगेशकर के इस गाने को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सामने प्रस्तुत करने के बाद, नेहरू ने उनसे गाने के लिए धन्यवाद भी किया और कहा कि उन्होंने देश को रुला दिया है। इस गाने के माध्यम से लता मंगेशकर ने राष्ट्रीय भावना को सुलझाया और मनोबल को उच्च स्तर पर ले जाने में सहायक होने का समर्थन किया।