आमला एकादशी पर लाखों लोगों ने किए भगवान लक्ष्मी नारायण के दर्शन
City24news@सचिन भारद्वाज
होडल | होडल के गांव शेषशाई में आमला एकादशी पर लाखों लोगों ने भगवान लक्ष्मी नारायण के दर्शन किए। गांव शेषसाई में भगवान लक्ष्मी नारायण का 7 सौ साल पुराना मंदिर है । मंदिर के पुजारी राजाराम का कहना है की आज इसको होली एकादशी भी कहते हैं और आज देहली,राजस्थान,पंजाब, यूपी और हरियाणा से लोग आते हैं और भगवान के दर्शन करते हैं। आज के दिन जगन्नाथ पुरी का मंदिर बंद रहता है क्यों की भगवान आज के दिन शेषशाई मंदिर में आते हैं। इस मौके पर पुलिस के पुख्ता इंतजाम किए गए। मंदिर में दर्शन करने आए भगतों ने कहा की जो सच्चे मन से मंदिर में आता है तो भगवान लक्ष्मी नारायण उसकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। आज मंदिर पर होली भी खेली गई जिसमे महिला पुरुषों ने जमकर डांस किया ।मंदिर के पुजारी राजाराम ने जानकारी देते हुए बताया की आज आमला एकादशी है । आज लाखों लोगों ने यहां पहुंचकर भगवान लक्ष्मी नारायण के दर्शन किए । उन्होंने कहा की आज इसको होली यानी रंग गुलाल की एकादशी भी कहते हैं। उन्होंने बताया की गांव खिरवी के दो भगत हुए जिनका नाम रामदास और श्यामदास था । वह भगवान जगन्नाथ जी का मंदिर उड़ीसा में है वहां के लिए घर से पेट के बल परिक्रमा करते हुए चल दिए और आज जहां शेषशाई में भगवान लक्ष्मी नारायण का मंदिर है वह यहां तक पहुंच गए और उनके पैरों में जख्म हो गए। उनसे चलना मुश्किल हो रहा था तभी भगवान जगन्नाथ ने उनको दर्शन दिए और कहां की आपकी आयु बहुत कम बची है और आप जगन्नाथ पूरी नहीं पहुंच सकते इसलिए मैं आपको दर्शन देने के लिए यहां हमेशा मौजूद रहूंगा। भगवान ने उन भक्तों से कहा कि यहां पर यह छिरसागर है और इसके पास एक करील का पेड़ है और उस पेड़ के नीचे एक श्याम वर्ण की गाय आती है और अपने स्तनों से दूध निकालती है और जहां यह गाय दूध निकालती है उसी के नीचे खुदाई की जाए तो वहां पर मेरी प्रतिमा जमीन में है और उसको निकालकर यहां पर रखें और मेरे दर्शन करते रहें। उन दोनों भक्तों ने इस बात को आसपास के लोगों को बताया और लोगों ने भक्तों द्वारा बताए गए स्थान पर खुदाई की ओर खुदाई के बाद जमीन से भगवान की प्रतिमा को निकाला और यहां एक छोटा सा मंदिर बना कर उस में विराजमान कर दिया गया। यह भगवान की एक अद्भुत प्रतिमा है जो कहीं पर भी नहीं मिलेगी। इस प्रतिमा की विशेषता है कि भगवान शेषनाग पर स्यन किए हुए हैं ।मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास लगभग 700 साल पुराना है इस मंदिर का निर्माण बल्लभगढ़ के राजा बल्लू ने कराया था इस मंदिर में चित्रकारी जो है वह राजा बल्लू ने ही बनवाई थी यह उसी समय की चित्रकारी है। भगवान के दर्शन करने से पहले भक्त लोग क्षीरसागर में स्नान करते हैं और हाथ पैरों को धोते हैं और उसके बाद लोग भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिर में आते हैं । मंदिर के पुजारी ने बताया कि जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान लक्ष्मीनारायण से आराधना करता है मन्नत मांगता है भगवान उसकी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं । इसलिए आज भीम एकादशी के मौके पर दूरदराज से आए लाखों लोगों ने भगवान के दर्शन किए और यहां पर आज एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है इस मेले में महिला पुरुष छोटे छोटे बच्चे झूले पर झूलते हैं और खरीदारी करते हैं ।मंदिर में दर्शन करने आए गांव खिरवी निवासी पूर्व सरपंच महेंद्र सिंह ने कहा की आज एकादशी है और वह हर एकादशी पर मंदिर में भगवान लक्ष्मी नारायण के दर्शन करने आते हैं। उन्होंने कहा की आज हजारों लोगों ने मंदिर में पहुंचकर भगवान लक्ष्मी नारायण के दर्शन किए हैं और जो लोग यहां सच्चे मन से भगवान से मांगता है भगवान उसकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। उन्होंने कहा की यह मंदिर बहुत पुराना है।