100 करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाओं का किया शिलान्यास

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City24news@भावना कौशिश

नई दिल्ली | सोशल जस्टिस और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने दिव्यांगता के क्षेत्र में पुनर्वास और विशेष शिक्षा की महत्ता को ध्यान में रखते हुए कुछ नए केंद्रों का लोकार्पण किया। इनमें समाज में दिव्यांगजनों को सशक्त करने के उद्देश्य से निर्मित भवन, छात्रावास और व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र शामिल हैं।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि हमारी सरकार प्रारम्भ से ही दिव्यांगजनों की जरुरतों के प्रति संवेदनशील है। इतने सारे भवनों का सफलतापूर्वक निर्माण और लोकार्पण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की प्रतिबद्घता का प्रमाण है।  मुझे पूर्ण विश्वास है कि बाधारहित सुविधाओं से परिपूर्ण इन भवनों के द्वारा दिव्यांगजनों को प्रदान की जाने वाली पुनर्वास सुविधाओं में मात्रात्मक और गुणात्मक दोनों रुप में वृद्धि होगी। डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि दिव्यांगजनो का सशक्तिकरण और समावेशिता एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों और दिव्यांगजनों की भागीदारी अनिवार्य है। सरकार के निरतंर प्रयास के साथ-साथ हम सभी स्टेकहोल्डरों की सहायता से ही इस दिशा में सामने आने वाली समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं।

कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए राज्य मंत्री कुमारी प्रतिमा भौमिक ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के दूरदर्शी दृष्टिकोण के तहत केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में इन सभी भवनों का निर्माण बहुत जल्दी और तेजी के साथ किया गया जोकि सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय कदम है।  प्रधानमंत्री श्री मोदी का सपना है कि दिव्यांग भाई-बहनों को सशक्त बनाया जाए क्योंकि जब दिव्यांग भाई-बहन सशक्त और समर्थ होंगे तभी भारत सशक्त और समर्थ बनेगा।

कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए वरिष्ठ सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारी सरकार बहुत संवेदनशील सरकार है। हमारी सरकार हमेशा से ही दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रही है। इसी के तहत बाधारहित भवनों का निर्माण दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए एक सराहनीय कदम है।

कार्यक्रम में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में दिव्यांगजनों के लिए काफी कार्य किया गया है। दिव्यांगजनों के लिए काफी योजनाएं लाई गई हैं। हम राज्य सरकारों, दिव्यांग कम्यूनिटी के साथ मिलकर बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। हम यह चाहते हैं कि देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में कम से कम एक सीआरसी जरूर हो ताकि दिव्यांगजनों को हर प्रकार की सुविधाएं प्राप्त हो सकें। सचिव, राजेश अग्रवाल ने कहा कि सीआरसी भवनों में हॉस्टल की सुविधा हो इसके लिए भी हम कार्य कर रहे हैं। आज स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर के इस उद्घाटन कार्यक्रम के जरिए हम एक नया प्रयोग कर रहे हैं, जिसमें हम प्राइवेट सेक्टर को साथ लेकर चल रहे हैं। इस प्रयोग के तहत भवन हमारे होंगे लेकिन उपकरण, शिक्षक प्राइवेट सेक्टर के होंगे। वे बच्चों को प्रशिक्षण देंगे। इसके साथ ही उच्च शिक्षा और जॉब के लिए फ्री कोचिंग की सुविधा हर राष्ट्रीय संस्थान और सीआरसी में शुरु करने वाले हैं।

1. स्वामी विवेकानन्द राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, कटक में निर्मित व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण 4563 वर्ग मीटर के क्षेत्र में किया गया है। इसमें 6 कर्मशालाएं, बहु-उद्देशीय हॉल, सम्मेलन कक्ष, पुरुष और महिला दिव्यांग छात्रों के लिए रसोईघर और भोजन हॉल के साथ छात्रावास भी शामिल हैं । केंद्र में सीटीटीसी, भुवनेश्वर के सहयोग और तकनीकी मार्गदर्शन से यहां पर व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा । इस केंद्र में दिव्यांग भाई-बहनों को नि:शुल्क प्रशिक्षण और आवास की सुविधा मिलेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत एलईडी मरम्मत तकनीशियन पाठ्यक्रम, सहायक ब्यूटी थेरेपीस्ट पाठ्यक्रम,मोबाइल हार्डवेयर मरम्मत पाठ्यक्रम, सॉफ्ट स्कील आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

2. समग्र क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी परिसर में छात्रावास का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया गया। यह छात्रावास छात्रों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से निर्मित किया गया है। इस छात्रावास में कैंटीन सुविधा के साथ कुल 36 छात्रों, जिनमें लड़के-लड़कियां दोनों शामिल हैं के लिए पूरी तरह से सुलभ बाधा मुक्त जी + 2 भवन है। साथ ही समग्र क्षेत्रीय केंद्र, पटना परिसर में छात्रावास का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया गया।

3- समग्र क्षेत्रीय केंद्र राजनांदगांव, दावणगेरे और गोरखपुर के नव निर्मित भवनों का लोकार्पण किया गया। 

4- एनआईईपीआईडी सिंकदराबाद के परिसर में हाइड्रोथेरेपी यूनिट का आज शिलान्यास किया गया। दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले चिकित्सीय हस्तक्षेप को बढ़ावा देने के प्रयास हेतु एनआईईपीआईडी, द हंस फाउंडेशन के साथ संयुक्त सहयोग से एनआईईपीआईडी परिसर में एक हाइड्रोथेरेपी यूनिट स्थापित कर रहा है। एनआईईपीआईडी बौद्धिक और विकास संबंधी दिव्यांगता के पुनर्वास के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र है। हंस फाउंडेशन द्वारा स्थापित किया जाने वाला उन्नत हाइड्रोथेरेपी पूल अन्य क्षेत्रीय केंद्रों, डीडीआरसी, डीईआईसी, एनजीओ, स्वैच्छिक संगठनों आदि के लिए एक संसाधन मॉडल हो सकता है।

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