City24News/नरवीर यादव
फरीदाबाद
| समकालीन भाजपा के कुशल सियासी शिल्पी समझे जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी का चाणक्य करार दिए जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की युगल प्रभावशाली जोड़ी ने 14 दिसंबर को यकायक पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में तीसरी पीढ़ी के कद्दावर और सूझबूझ वाले युवा नेता नितिन नबीन के नाम की घोषणा करवाकर न केवल सबको चौंकाया है, बल्कि एक तीर से कई सियासी निशाने भी साधे हैं। इसके सियासी मायने भी दूरगामी और दिलचस्प साबित होंगे, क्योंकि मोदी-शाह के सियासी तरकश से निकले इस प्रभावी तीर ने आरएसएस-भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को भी आश्चर्य चकित कर दिया है।

बताते चलें कि भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में सत्तारूढ़ राजग के नीतीश सरकार में भाजपा कोटे के कैबिनेट मंत्री नितिन नबीन को गत दिनोंतत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है, जिससे खुद पार्टी के कार्यकर्ता भी पशोपेश में पड़कर चौंक गए हैं और इस अप्रत्याशित निर्णय को सराहा, क्योंकि यह नियुक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल की समाप्ति और उनको मिले बार-बार कार्य विस्तार की अवधि के दौरान आई है, जो नए पूर्णकालिक अध्यक्ष के चुनाव तक संगठन की कमान संभालेंगे। हालांकि, इस बात की सुगबुगाहट लंबे अरसे से जारी थी और बड़े-बड़े नाम इस होड़ में शामिल थे। इसलिए नितिन नबीन की नियुक्ति से मोदी-शाह का सियासी पलड़ा पुनः भारी प्रतीत हुआ है।

जहां तक इस नियुक्ति के कारण की बात है तो पार्टी ने नितिन नबीन के संगठनात्मक अनुभव, जमीनी पकड़, प्रशासनिक क्षमता और सिक्किम/छत्तीसगढ़ में प्रभारी/सह-प्रभारी के रूप में उनकी उल्लेखनीय सफलता को आधार बनाया है। बताया जाता है कि पांच बार विधायक और तीन बार मंत्री रह चुके नितिन नबीन बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र, पटना पश्चिम इलाके से हैं तथा बूथ स्तर प्रबंधन में माहिर माने जाते हैं। यही वजह है कि उनकी इस नई नियुक्ति का बिहार सहित पूर्वी भारत की सियासत पर भी इसका एक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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