कंगना रनौत का पर्चा होना चाहिये रद्द-हरीश चन्द्र आज़ाद
City24news@ब्यूरो
फरीदाबादआज़ादी के शहज़ादे संस्था के राष्ट्रीय संयोजक हरीश चन्द्र आज़ाद ने कहा है कि भाजपा की मंडी जिले से उम्मीदवार कंगना रनौत ने 2021 में एक टीवी चैनल पर कहा था कि 1947 में देश की आज़ादी भीख में मिली थी और देश को असली आज़ादी 2014 के बाद ही मिली है उन्होंने ऐसा कहकर भारतवर्ष को आज़ादी देने वाले शहीदों की शहादत का अपमान किया है इस देशद्रोही ब्यान के लिये उस पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिये और चुनाव आयोग व सुप्रीम कोर्ट को कंगना के चुनाव लडऩे पर रोक लगानी चाहिये।
आज़ाद ने कहा कि ऐसे देशद्रोह वाले विचार रखने वाले को भाजपा ने हिमाचल के मंडी जिले से टिकट देकर देश के शहीदों का अपमान भी किया है और इस बात का प्रमाण भी भाजपा ने दे दिया है कि भापजा के नेताओं को नहीं मालुम कि देश को आज़ादी दिलाने के लिये कितनी माताओं की कोख सूनी हुई, कितनी बहनों ने अपने भाई गंवाए और कितनी माँ भारती की बेटियाँ विधवा हुई। इसलिये अगर भाजपा ने मंडी से कंगना की टिकट नहीं काटी तो वीरभूमी हिमाचल के देशभक्त उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे तथा आने वाले चुनावों में भापजा को हराकर सबक सिखायेंगे।
हरीश आज़ाद ने कहा कि कंगना ने 1857 में क्रांती की लौ जलाने वाले मंगल पांडे व झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की शहादत को भीख माँगना कहा है, देश की आज़ादी के लिये हंसते हंसते फांसी पर चढऩे वाले शहीद भगतसिंह, राजगुरू, सुखदेव, मदनलाल ढीगंड़ा, खुदीराम बोस, चन्द्रशेखर आज़ाद व सुभाष चन्द्र बोस जैसे हज़ारों महान शहीदों की शहादत का अपमान किया है। मुझे तो इस बात पर हैरानगी होती है कि जिस इंसान पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिये उस इंसान को भाजपा के देश की संसद के लायक समझकर उन्हें टिकट दे दिया।
आज़ाद ने कहा कि आज़ादी के शहज़ादे संस्था चुनाव आयोग को कंगना रनौत को चुनाव लडऩे के लिय रोकना चाहिये और उसका पर्चा रद्द करना चाहिये या भाजपा को उम्मीदवार बदलने को कहना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था आज ही चुनाव आयोग को ईमेल करके कंगना शेरावत के चुनाव लडऩे पर रोक लगाने की अपील करने जा रही है। उन्होंने कहा कि कंगना पर मुकदमा चलाकर जेल में बंद करके उनसे गुलामों जैसा व्यवाहर करना चाहिये ताकि उन्हें अहसास हो सके कि गुलामी का दर्द क्या होता है और उन्हें देश के हज़ारों क्रांतीकारियों व शहीदों की शहादत का एहसास हो जिनका उन्होंने सारे देश के सामने अपमान किया था।