नगीना बडकली रोड पर टूटी जोहड़ की दीवार, दुर्घटना की आशंका

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 City24news@अनिल मोहनियां

नूंह | नगीना बडकली लिंक रोड पर जोड़ की दीवार के टूटे होने की वजह से इस मार्ग पर दुर्घटनाओं की हमेशा आशंका बनी रहती है। लोक निर्माण विभाग शायद कोई बड़ी दुर्घटना होने का इंतजार कर रहा है और इसके उपरांत ही शायद विभाग अपनी कुंभकरणी नींद से जागे।

    सर्व जातीयसेवा समिति के उपाध्यक्ष व समाजसेवी रजत जैन, व नितिन दुबे ने बताया की नगीना बड़कली मार्गको मुख्यरुप से जोड़ने वाला मार्ग में से एक है । यह लिंक रोड दिल्ली अलवर रोड से जुड़ा हुआ है तथा नगीना बाजार से भी जुड़ा होने के की वजह से इस मार्ग पर वाहनों एवं पैदल राहगीरों की आवाजाही अधिक बनी रहती है लेकिन जोड़ड़ की दीवार टूटी होने की वजह से दुर्घटनाओं की आशंका भी अधिक बनी रहती है जोड़ह की दीवार टूटी होने की वजह से रात के समय में अंधेरा में खतरा और अधिक बढ़ जाता है। लगभग नौ दस वर्षों से यह दीवार टूटी हुई है लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से बार-बार शिकायत करने के उपरांत भी इस दीवार को ठीक करने की और कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं जिसकी वजह से जनता में विभाग व प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।जनता की सरकार से मांग है कि जन समस्या को देखते हुए इस टूटी दीवार को जल्द से जल्द ठीक करवाकर समाधान कराएं।

बॉक्स कालम के लिए:-इस मार्ग से पक्ष विपक्ष व सरकारी अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है:- इस मार्ग से हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, गुड़गांव के सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, जन स्वास्थ्य व अभियांत्रिकी विभाग के मंत्री बनवारीलाल, कांग्रेस के विधायक व पूर्व मंत्री आफताब अहमद , कांग्रेस पार्टी से व स्थानीय विधायक मामन खान इंजीनियर ,कांग्रेस के विधायक व पूर्व मंत्री चौधरी इलियास ,वक्फ बोर्ड के प्रशासक व विधायक चौधरी जाकिर हुसैन , भाजपा नेता व पूर्व विधायक चौधरी नसीम अहमद , भाजपा नेता व पूर्व डिप्टी स्पीकर चौधरी आजाद मोहम्मद , इनेलो नेता अमन अहमद,इनेलो नेता व पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान ,भाजपा नेता आलम मुंडल,के अलावा कई पार्टियों के कई छोटे-बड़े नेता व कार्यकर्ता पदाधिकारीयो के अलावा जिला के कई उच्च सरकारी अधिकारी व कर्मचारी इस मार्ग से आ जा चुके हैं इसके उपरांत भी इस दीवार का ठीक ना हो पाना अपने आप में एक गंभीर विषय है जब इतने अधिकारी व राजनेताओं के आवागमन होने के बाद भी इस दीवार का पुनर्निर्माण ना होना अपने आप में विकास को लेकर सरकार व अधिकारी कितने फिक्रमंद है।ये टूटी हुई दीवार स्वयं बयां कर रही है।

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