घटते भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए जागरूक होना आवश्यक
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | घटते भूमिगत जल स्तर से जहां सरकार व प्रशासन भी चिंतित है वही जनता भी इसको लेकर गंभीर नजर आने लगी है। जनता की समझ में लगी है कि जल है तो कल है और जल के बिना जीवन असंभव है इसीलिए जनता भी अब अपने घरों में या खाली पड़े प्लाटों में जल संग्रह करने लगी है जिससे की रोजाना का घरों में उपयोग होने वाला पानी व्यर्थ नाली में ना बहकर जमीन के भीतर जाए। और बरसात का पानी व्यर्थ में बहे।
समाजसेवी रजत जैन” नगीना”ने बताया की जीवन में पानी को कभी भी व्यर्थ न बहाए। उन्होंने बताया कि पानी की समस्या को देखते हुए और जल स्तर ऊंचा उठाने के लिए कई जागरूक व्यक्तियों ने अपने घरों में वाटर हार्वेस्टिंग का सिस्टम लगवाया हुआ है, कुछ सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में भी हरवेस्टिंग सिस्टम लगा हुआ हैं जिससे की बरसात का बहने वाला पानी व्यर्थ ना जाए और सीधा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के द्वारा जमीन में जाकर पानी का रिचार्ज हो और जल स्तर ऊंचा उठ सके। गृहणी राधिका जैन ने बताया कि हमेशा पानी का सदुपयोग करना चाहिए और कभी पानी का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। पानी का उपयोग बड़ी सावधानी के साथ करना चाहिए वाशिंग मशीन की जगह हाथों से कपड़े धोने चाहिए जिस पानी में तुमने आज कपड़े धोने हैं पानी को आप फेंकने की बजाय उठाकर रख देना चाहिए अगले दिन तक वो पानी नितर जाएगा या तो उड़ते हुए पानी को आप दूसरे बर्तन ले लेकर अगले दिन दोबारा कपड़े धो लेनी चाहिए और आखिरी बार के लिए थोड़ा सा साफ पानी लेकर कपड़े खगाल लेने चाहिए । और बचे हुए पानी से शौचालय घर की साफ सफाई करनी चाहिए। छोटे बर्तन में मग्गे की जगह गिलास से नहाना चाहिए जिससे की पानी कम से कम फैले। पानी पीने के लिए भी छोटा गिलास का प्रयोग करना चाहिए। घर पर आने वाली सब्जियों को कभी भी नल के नीचे नहीं धोना चाहिए बल्कि एक बर्तन में पानी लेकर इन सब्जियों को धोना चाहिए क्योंकि उसी पानी में अलग-अलग कई सब्जियां धूल जाएंगी और पानी व्यर्थ बर्बाद नहीं होगा।
किसान महावीर प्रसाद नम्बरदार ने बताया की किसान के लिए अगर भूमि मां के समान है तो जल पिता तुल्य है। इसलिए हमेशा इन दोनों का सम्मान करते हुए पानी को कभी भी बर्बाद नहीं होने देना चाहिए अगर जल्द ही नहीं होगा तो भूमि में पैदा कैसे होगी इसलिए बरसात के पानी के अलावा दैनिक रूप में प्रयोग होने वाले पानी को भी समझदारी के साथ प्रयोग करना चाहिए उन्होंने बताया कि हमारे घर के बराबर एक खाली प्लॉट पड़ा हुआ है और घर के अधिकार मोरिया हमने उस खाली प्लाट में डाली हुई है जिससे कि पानी नालियों में ना बहकर प्लाट की भूमि के माध्यम से पानी जमीन में रिचार्ज हो जाए और वहां लगे पेड़ पौधों को भी पानी मिल जाए अगर सरकार अपने खर्च पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाती है तो वे अपने खाली प्लॉट में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने को भी तैयार है।