मतदान के लिए मतदाता सूची में नाम होना जरूरी
एपिक कार्ड न होने पर 12 वैकल्पिक दस्तावेजों से भी डाल सकते हैं वोट- जिला निर्वाचन अधिकारी धीरेंद्र खड़गटा
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जिला के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में आगामी 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। जिला के सभी मतदाता, जिसका मतदाता सूची में नाम दर्ज है, वे अपना वोट अवश्य डालें। चुनाव के इस पर्व में सभी मतदाताओं की जिम्मेदारी है कि वे लोकतंत्र की मजबूती में अपने वोट की आहुति अवश्य दें।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि 5 अक्टूबर के चुनाव में मतदान के लिए मतदाता का नाम सूची में दर्ज होना जरूरी है, ऐसे में सभी मतदाता अपने पोलिंग बूथ व मतदाता सूची में नाम चेक कर लें। यह कार्य वह ऑनलाइन चुनाव आयोग की वेबसाइट, वोटर हेल्पलाइन एप, या फिर 1950 मोबाइल नंबर पर फोन करके भी इस बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यदि किसी मतदाता का नाम मतदाता सूची में दर्ज है, परंतु उसके पास किसी वजह से मतदाता परिचय पत्र उपलब्ध नहीं है, तो वह भी अपने मताधिकार का उपयोग कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने मतदाता पहचान-पत्र के अलावा 12 अन्य वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों को वोट डालने के लिए मान्यता दी है, जिन्हें दिखाकर मतदाता अपना मतदान कर सकते हैं। इसी प्रकार यदि किसी कारण से किसी नागरिक को मतदाता सूचना पर्ची प्राप्त नहीं होती है, लेकिन उसका नाम मतदाता सूची में दर्ज है तो भी वह मतदान कर सकता है। चुनाव की तारीख 5 अक्टूबर से पहले सभी बीएलओ के माध्यम से मतदाता पहचान पर्ची का वितरण भी सुनिश्चित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जो मतदाता वोटर आईडी कार्ड प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान दस्तावेजों में से कोई एक दिखाना होगा। इन 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान दस्तावेजों में आधार कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटो सहित पेंशन दस्तावेज, केंद्र, राज्य सरकार, पीएसयू, सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंक, डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों, विधायकों, एमएलसी को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र और भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसेबिलिटी आईडी शामिल है।
अप्रवासी भारतीय मतदाताओं (एनआरआई) को केवल पहचान के लिए अपना मूल पासपोर्ट दिखाना होगा। यदि एपिक कार्ड में किसी मतदाता के फोटोग्राफ आदि का मिलान न हो पाने के कारण मतदाता की पहचान करना संभव नहीं है, तो उस मतदाता को इन 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों में से कोई एक दिखाना होगा।