पांच महीने बाद भी अनियमितताओं की नहीं हुई जांच
City24news@रोबिन माथुर
हथीन | नाबार्ड स्कीम के तहत खंड के गांव गहलब में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के भवन निर्माण में बरती गईं अनियमितताओं की जांच को लेकर विभाग के उच्च अधिकारी उदासीन बने हुए हैं। निदेशक शिक्षा सदन पंचकूला द्वारा गठित जांच कमेटी ने विद्यालय का 16 अक्टूबर 2023 को निरीक्षण करके मटेरियल के सैंपल एकत्रित किए थे। जांच कमेटी में हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद समग्र शिक्षा विभाग के सैय्यद मोहम्मद अकरम एसडीओ नूंह, सुनील कुमार जेई बल्लभगढ़, शीतल जैन जेई होडल, अमनदीप विश्नोई जेई पंचकूला शमिल थे।
इसके अलावा जिला उपायुक्त नेहा सिंह ने शिकायत की जांच के लिए पलवल के एडीसी साहिल गुप्ता को 11 अक्टूबर 2023 को आदेश दिए थे। एडीसी ने शिकायत की जांच के लिए हथीन एसडीएम लक्ष्मी नारायण को एक जांच कमेटी गठित करने के आदेश दिए। जिस पर एसडीएम ने नायब तहसीलदार, बीडीपीओ, बीईओ, लोक निर्माण विभाग के एसडीओ सिविल कंस्ट्रक्शन व बिजली के पांच सदस्यों की जांच कमेटी गठित की थी। उक्त जांच कमेटी के साथ एसडीएम ने भी विद्यालय के भवन का निरीक्षण किया था। लेकिन, साढ़े तीन महीने बाद भी जांच कमेटियों ने कोई भी जांच रिपोर्ट सब्मिट नहीं की है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि समग्र शिक्षा विभाग के अधिकारी ठेकेदार से मिलीभगत करके मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। शिकायत के पांच महीने बाद भी विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं कि गई है।
बता दें कि विद्यालय के निर्माण में बरती गईं अनियमितताओं की गजराज सिंह ने निदेशक समग्र शिक्षा पंचकूला और जिला उपायुक्त पलवल को शिकायत की थी। शिकायत के अनुसार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गहलब के भवन का निर्माण लगभग 4 करोड़ 90 लाख रुपये से समग्र शिक्षा द्वारा कराया गया है।
टेंडर व एप्रूव्ड ड्राइंग के अनुसार ग्राउंड फ्लोर, फस्ट फ्लोर, सेकंड फ्लोर, थर्ड फ्लोर निर्माण के लिए बजट मंजूर हुआ था। लेकिन, मौके पर सेकंड फ्लोर तक ही निर्माण कराया गया। इसके अलावा भवन निर्माण में प्रयोग की गई सामग्री में भी बड़े स्तर पर अनियमितताएं बरती गई हैं। कॉलम की फुटिंग नेचुरल ग्राउंड लेवल (एनजीएल) से निर्धारित गहराई तक नहीं खोदी गई है। कॉलम फुटिंग की मोटाई भी कम कास्ट की गई है। राफ्ट फुटिंग में टॉप लेयर का सरिया ड्राइंग व टेंडर के अनुसार डाला ही नहीं है। कॉलम व बीम में रिंग की दूरी 10″ से 12″ इंच से अधिक की गई है, जबकि ड्राइंग के अनुसार यह दूरी 4″ व 6″ इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए थी। कॉलम में तीन रिंग्स डालनी थी, जबकि सिंगल रिंग ही डाली गई है। भवन में कई कॉलम ड्राइंग व टेंडर को नजरअंदाज करके बीम के ऊपर से ही उठाकर कास्ट किए गए हैं। छत के अंदर प्लास्टर भी नहीं किया गया है। ग्रेड स्लैब में 2′ से 3′ फुट की दूरी पर सरिया डाला गया है और कई जगह सरिया भी नही डाला गया है। जबकि यह दूरी 8″ इंच होती है।
भवन में मिट्टी की भराई स्कूल के प्रांगण में बने तालाब के किनारों के आस-पास से मिट्टी की खोदाई नियमों के विरुद्ध करके की गई।
छत पर तारकोल की लेयर नहीं डाली है। फर्श और दीवारों पर लोकल कंपनी की टाइलें लगाई गई हैं। ग्राउंड फ्लोर के कॉरिडोर में कोटा स्टोन को जगह लोकल कंपनी की टाइलें लगाई गई है। भवन में बनाए गए एक्सपेंशन जॉइट को मसाले से परमानेंट भर दिया गया है और छत पर ईंटों को चिनाई करके ढक दिया गया है। जिससे भूकंप आने की स्थिति में भवन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। भवन के अंदर बिजली की लोकल कंपनी की तारें लगाई गई है। प्लंबिंग और सेनेटरी फिटिंग में जीआई व डब्ल्यूआई के पाइप की जगह सीपीवीसी के पाइप लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त साइट पर मटेरियल टेस्टिंग लैब भी स्थापित नहीं की गई।
शिकायतकर्ता गजराज सिंह ने बताया कि लगभग 5 करोड़ रुपये के बजट से बने इस भवन में करीब 2 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। इस भवन का निर्माण सुरक्षा मानकों की दृष्टि से सुरक्षित नहीं है, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। 5 महीने बाद भी घोटाले की जांच न होना सरकार की शून्य भ्रष्टाचार नीति को आईना दिखा रहा है।
समग्र शिक्षा पंचकूला के कार्यकारी अभियंता भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की एडीसी पलवल जांच कर रहे हैं। जांच के बाद जो भी रिपोर्ट आएगी उसके बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।