भारत अनेक ऋतुओं व भाषाओं का देशःकोसलिया
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | भारत देश अनेक भाषाओं तथा ऋतुओं का देश है। जो समय-समय पर जीवन का संदेश देती हैं। स्याणा गांव निवासी समशेर कोसलिया ने बताया कि अहीरवाल की बोली को भी भाषा का दर्जा देना आवश्यक है। यह ऐसी भाषा है जो हिन्दी की उप भाषा में नहीं आती है। जबकि ये संस्कृत व हिंदी के बीच की भाषा है। हरियाणा में अब अहीरवाटी,बांगरू, मेवाती,बृज, बागड़ी, कोरवी, अम्बाली,पारवी, पंजाबी सहित अनेक बोलियां प्रचलन में हैं। बांगरू ऐसी बोली है जिसका मेल अहीरवाटी, पारवी, पंजाबी, बागड़ी, कोरवी, अम्बालवी से खाता है। इस बोली को हरियाणा के बांगरू बोली वाले कहे जाने वाले विद्वानजन राजस्थानी बोली के साथ जोड़ देते हैं। अहीरवाल हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली ओर यूपी का कुछ हिस्से में बंटा हुआ है। उन्होंने अहिरवाल की बोली को भाषा का दर्जा देने की मांग की है।