विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति बढ़ती रुचि देश के लिए लाभदायक – प्रदीप अहलावत

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह । जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन कम्युनिटी केंद्र, बाल भवन में किया गया। जिसमें खंड स्तर पर अलग -अलग सात थीमों पर प्रथम , द्वितीय , तृतीय रहे मॉडल के साथ जिला स्तर पर  105 मॉडल के साथ बाल वैज्ञानिकों ने भाग लिया। नोडल अधिकारी डीएसएस रामकिशन आर्य ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करने के लिए समय-समय पर विज्ञान प्रदर्शनी लगाई जाती है ताकि विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा मिल सके। विद्यार्थी प्रदर्शनी में अलग-अलग थीम्स में मॉडल प्रदर्शित किया जाता है जो समस्या आधारित और जीवंत होता है जिससे तकनीकी और नवाचार को बढ़ावा मिलता है।

विज्ञान प्रदर्शनी के मुख्यातिथि उपमंडल अधिकारी नूंह प्रदीप अहलावत एवं विशिष्ट अतिथि  जिला शिक्षा अधिकारी नूंह परमजीत चहल रहे। 

प्रदीप अहलावत ने कहा की हर बच्चा स्वाभाविक तौर पर एक वैज्ञानिक होता है। बच्चों में, अपनी आस पास की दुनिया को समझने का, काफ़ी कौतूहल होता है। छोटे बच्चे भी हर चीज़ को छूना चाहते हैं, पकड़ना चाहते हैं, फेंकना चाहते हैं और कभी कभी तो हर चीज़ खाना भी चाहते हैं। ऐसी ही चंचल और शरारती तरीक़ों से वो इस दुनिया को समझते हैं। अगर आप ध्यान से सोचें तो प्रकृति को समझने का वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी यही है। ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों का विकास होता है, विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ती है जिसका लाभ पूरे देश को मिलता है। कार्यकम में बच्चे विज्ञान के प्रति रुचि को लेकर बहुत उत्साहित है। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्वलित करके किया । कार्यक्रम के दौरान राजकीय कन्या विद्यालय नूंह की छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुती दी।

जिला विज्ञान विशेषज्ञ रामकिशन आर्य ने बताया कि जिलास्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में मैथमेटिकल मॉडलिंग थीम्स, फूड हेल्थ एंड हाइजीन थीम्स, डिजास्टर मैनेजमेंट थीम, ट्रांसपोर्ट एंड कम्युनिकेशन थीम, रिसोर्स मैनेजमेंट थीम, वेस्ट मैनेजमेंट थीम, नेचुरल फार्मिंग थीम सहित अनेक थीम शामिल होती है।  प्रदर्शनी में विज्ञान विषयों के लेक्चरर दीपक कुमार, मंजीत वर्मा, जितेंद्र कुमार, धर्मपाल, हरदीप कुमार, परवीन, सुशील, सत्यदेव ने जूरी सदस्यों की भूमिका निभाई।  जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी 2024-25 में उप-विषय प्राकृतिक खेती के अंतर्गत विद्यार्थियों ने रासायनिक कीटनाशक और उर्वरक के इस्तेमाल किए बिना खेती करने के माडल बनाए दर्शार तथा पोधों को पोषक तत्व देने के लिए जीवामृत, घन जीवामृत व बीजामृत के इस्तेमाल के बारे में बताया। इसके अतिरिक्त खाद्य, स्वास्थ्य और स्वच्छता उम-विषय में विद्यार्थियों ने फास्ट फूड नहीं खाने तथा फल-सब्जी, अन्न के इस्तेमाल तथा योगा के महत्व पर माडल मदर्श प्रदर्शित किए। इसके अलावा हेमोडायलिसिस मशीन के माडल भी दर्शाए ।

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