दिल्ली-जम्मू कटरा एक्सप्रेस ट्रेनों में हो रही चोरी व जहरखुरानी की घटनाएं
- रेल यात्रियों के सामान की सुरक्षा में लगे टीटीई व जीआरपी कर्मचारी हो रहे फेल
- जवाबदेही से बचने के लिए जीआरपी के अधिकारी नहीं ले रहे उनके क्षेत्र में हुई घटना की जिम्मेवारी
- जीआरपी व रेल कर्मचरियों की कार्यप्रणाली पर लग रहे सवालिया निशान
city24news@सुनील दीक्षित
कनीना | सुरक्षा में सेंध लगाकर असामाजिक तत्वों द्वारा रेल में यात्रा करने वाले यात्रियों के साथ आजकल जहर खुरानी एवं सामान चोरी की वारदात की जा रही हैं। चलती ट्रेन में घटित होने वाली इन घटनाओं पर अंकुश लगाने में जीआरपी व रेल कर्मचारी असफल हो रहे हैं। कहने को तो लंबी दूरी तथा एक्सप्रेस ट्रेनों में टीटीई सहित जीआरपी की एस्कोर्ट टीम ट्रेन में पेट्रोलिंग करती है लेकिन उनकी मिलीभगत कहें या जालसाजोंं की हाथ की सफाई। दाव लगते ही ऐसे व्यक्तियों द्वारा यात्रियों के मोबाईल फोन, कीमती सामान तथा नकदी पर हाथ साफ कर दिया जाता है। दिल्ली से जम्मू-कटरा माता वैष्णों देवी दर्शन के लिए जाने वाले यात्रियों के साथ इस प्रकार की घटनाएं घटित होना सामान्य सी बात हो गई है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मामलों को ट्रेस आउट नहीं करने पर इन घटनाओं में ईजाफा हो रहा है।
एक्सप्रेस ट्रेनों के एसी फस्ट-एसी थर्ड कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों के साथ ऐसी वारदातें होना यात्रियों की सुरक्षा में सेंध की ओर ईशारा करती हैं। कहना गलत नहीं होगा कि इन कोचिज में टीटी की मिलीभगत से रिजर्वेशन के अलावा 5-7 यात्री बैठा लिये जाते हैं। जो रात्री के समय अपनी बर्थ में विश्राम करने वाले यात्रियों का कीमती सामान लेकर रास्ते के स्टेशन पर उतर जाते हैं। पीडित यात्री की नींद खुलती है तो सामान गायब मिलता है। यात्री के साथ घटित वारदात का जीआरपी तथा टीटीई को मालूम होने पर अपने आप को असहाय महसूस करते हैं। टीटीई तथा जीआरपी की ओर से अनारक्षित यात्री बैठाने के चलते यात्रियों को ऐसी घटनाओं बारे सावधान तक भी नहीं करते। इतना ही नहीं उनकी ओर से छानबीन सम्बंधी कोई मदद भी नहीं की जाती। टीटीई के मुताबिक पंजाब का इलाका लगने पर यात्रियों से ऐसी घटनाएं घटित होती हैं। समझा जाता है कि पंजाब में नशे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। नशेडी व्यक्ति ऐसी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं।
चलती ट्रेन में चोरी व जहरखुरानी का शिकार होने पर पीडित यात्री कटरा पंहुचकर जीआरपी थाने में एफआईआर दर्ज कराने जाते हैं तो वहां हाजिर कर्मचारी घटना स्थल कहीं ओर होने का हवाला देकर कार्रवाई करने से टालमटोल करते हैं ओर एफआईआर दर्ज कराने के बजाय मोबाईल-प्रोपर्टी लोस्ट का फार्म हाथ में थमा देते हैं। बहुत कुछ कहने-सुनने के बाद ऑनलाइन की बजाय मैनुअली जीरो एफआईआर दर्ज की जाती है जिसे बंद पैकेट में घटना स्थल वाले सम्ंबधित लोकेशन के जीआरपी थाने में भेजी जाती है। जो उनके क्षेत्र में घटना घटित न होने का हवाला देकर उसे लेने से इंकार कर देते हैं। अंतत:वह एफआईआर का लिफाफा ईधर-उधर घूमता रहता है।
माता वैष्णों देवी दर्शन के लिए निकला परिवार हुआ वारदात का शिकार
महिला यात्री बबली द्वारा कटरा थाने में बीती 29 नवबंर को जीरो एफआईआर दर्ज करवाने के बाद जीआरपी की ओर से आजतक उस पर कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है। उनकी ओर से पंजाब के राजपुरा-खन्ना जीआरपी थाने में एफआईआर भेजी गई थी जिसे संबंधित जीआरपी थाना इंचार्ज ने मामला उनके क्षेत्र का न होने का जवाब देकर वापिस कटरा भेज दिया गया। इस बारे में हरियाणा के महेंद्रगढ जिले के यात्री रविदत्त भारद्वाज, संतोष देवी, बबली, आयुष शर्मा,सुनील कुमार, रजत,मयंक ने बताया कि वे बीती 28 नवंबर को पुरानी दिल्ली से रात्री 8.5 बजे रवाना होने वाली जम्मू मेल स्पेशल ट्रेन में सवार होकर सपरिवार माता वैष्णों देवी दर्शन के लिए निकले थे। ट्रेन में रात्री का भोजन करने के बाद अपनी-अपनी बर्थ पर पंहुचे तो मार्ग के विभिन्न स्टेशन पर कोच में 5-7 यात्री और भी सवार हो गए थे। जो झुंड बनाकर कोच में एंट्री गेट के समीप वाली बर्थ के साथ खड़े थे। जिनका कोई आरक्षण नहीं था। रात्री करीब दो बजे उन्हें मालुम हुआ कि उनका लेडिज पर्स जिसमें दो स्मार्ट फोन,5 हजार रूपये की नकदी, जरूरी कागजात सहित अन्य कीमती सामान था,चोरी हो गया। घटना के बाद यात्रियों में हलचल होने पर टीटीई की बर्थ पर सोये एक यात्री को जीआरपी कर्मियों ने दूसरे स्थान, बर्थ पर भेज दिया। जीआरपी की एस्कॉर्ट पार्टी में शामिल एचसी दलजीत सिंह, एक कांस्टेबल व टीटीई राजेंद्र मेहरा वहां पंहुचे। जिन्होंनेे घटना को अति सामान्य करार दिया। टीटीई ने एफसोस जताते हुए कहा कि वे यात्रियों को ऐसी घटनाओं बारे सावधान करना भूल गये थे। हैडकांस्टेबल ने रात्री के समय अपने स्मार्ट फोन से जीआरपी के कंट्रोल रूम फिरोजपुर सूचना दी। जीआरपी थाना कटरा में भी संपर्क कर संदेश भेजा। 29 नवंबर को सुबह 10 बजे काफी कर्मचारियों द्वारा बहस करने के बाद जीआरपी थाना कटरा में जीरो एफआईआर दर्ज कराई गई। दिलचस्प बात है कि जीआरपी द्वारा सामान बरामद करना दूर की बात अभी तक उस एफआईआर की जांच की जिम्मेवारी किसी थाना इंचार्ज ने नहीं ली है। दो माह से एफआईआर ईधर-उधर घूम रही है। जिसे लेकर जीआरपी की कार्यप्रणाली व रेल यात्रियों की सुरक्षा संबंधी पहलुओं पर सवलिया निशान लग हो रहे हैं। आमतौर पर अनेकों यात्री इस प्रकार की घटना का शिकार हो रहे हैं। जिनकी सुरक्षा के सभी दावे फेल हो रहे हैं।