होडल श्री जी वृद्धाश्रम में बुजुर्गो को खारे पानी से करना पड़ रहा है अपना जीवन यापन

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बुढ़ापा भी अब नासूर बनता जा रहा है, बुजुर्गों का अपमान क्यों, नहीं देखी जाती बुजुर्गों की नम आंखें, भोजराज गर्ग 
City24news/हरिओम भारद्वाज
होडल। बुढ़ापा भी अब लोगों के लिए नासूर बनता जा रहा है। अपने बुजुर्गो को वृद्धाश्रम में छोड़ देना, रेलवे स्टेशन पर, बस स्टैंड व पार्कों में छोड़ कर चले जाना एक आम बात हो गई है। अपने बुजुर्गो को साथ रखना बच्चों को अपनी आजादी में खलल डलती नजर आ रही है। मां बाप से दूरी बनाए रखना युवा दंपतियों में एक ट्रेंड बनता जा रहा है। यही कारण है कि वृद्धाश्रमों में बुजुर्गो की संख्या में इजाफा हो रहा है।

अपने बच्चों की परवरिश के लिए मां बाप चाहे कितनी पीड़ा झेल ले। उनकी सुख-सुविधाओं के लिए सारा जीवन न्यौछावर कर दें लेकिन आधुनिक शैली में जीने के लिए बच्चे अपने मां बाप को अपने साथ वृद्धाश्रम में छोड़ कर उनकी उम्मीदों को कुचलने में तनिक भी गुरेज नहीं करते हैं। ऐसे बुजुर्गो के लिए एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे वृद्धाश्रम ही जीवन का सहारा होता है। ऐसा ही होडल उपमंडल में एक वृद्धाश्रम होशियार सिंह चला रहे हैं। भारत विकास परिषद के कार्यकर्ताओं ने आज होडल उपमंडल के एक मात्र श्री जी वृद्धाश्रम का दौरा किया और वृद्धाश्रम के बुजुर्गो से मुलाकात कर उन्हें खाने पीने का सामान वितरित किया ‌

भारत विकास परिषद के अध्यक्ष भोजराज गर्ग ने कहा कि आज भारतीय संस्कृति में यह परंपरा बहुत निंदनीय है। मां बाप बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए ना कि इस पड़ाव पर आने के बाद उन्हें घर से निकाल दे। उन्होंने वृद्धाश्रम चला रहे होशियार सिंह को आश्वस्त किया कि उनकी संस्था समय-समय पर उनकी हर संभव मदद करते रहेंगे। होशियार सिंह ने बताया कि कुछ सामाजिक लोगों के सेवा भाव से ही वृद्धाश्रम चल पा रहा है। इस समय वृद्धाश्रम में 22 बुजुर्ग रह रहे हैं यह सब दूर दराज के है। उन्होंने बताया कि आश्रम में पीने के पानी की बड़ी परेशानी है। स्थानीय भूमिगत जल खारा है इसके लिए वह शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर समस्याओं से अवगत करा चुके हैं लेकिन कहीं से कोई सहायता नहीं मिली। इस अवसर पर भोजराज गर्ग, नीलू खन्ना, हेमंत कुमार, चंद्र प्रकाश जैन, मनोज मंगला, रोहित जैन, कैलाश मंगला,  सतीश कुमार , मितांश बंसल, विपुल सिंघल, अश्विनी सिंगला आदि मौजूद थे।

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