सुरक्षित एवं नियंत्रित रेल संचालन के लिए डीआरएम बीकानेर द्वारा उठाए जा रहे महत्वपूर्ण कदम

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कडाके की ठंड में रेवाडी, भटिंडा व सूरतगढ रेल खंड होता है अत्यधिक धुंध एवं कोहरे से प्रभावित
रेल के लोको पायलट को उपलब्ध कराई गई डिवाइस धुंध-कोहरा के बीच देती है सिग्नल की जानकारी

City24news/सुनील दीक्षित
कनीना
। उत्तर-पश्चिम रेलवे के बीकानेर मंडल में ठंड के मौसम में नियमित व निर्धारित रेल संचालन को लेकर विशेष नयी तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। सर्दी के धुंध एवं कोहरायुक्त मौसम में कम तापमान से रेललाइन के सिकुड़ने तथा रेल संचालन को लेकर विशेष तकनीक अपनाई जा रही है। रेल मंडल पर 272 पैसेंजर ट्रेनों एवं 126 गुड्स ट्रेनों में लोको पायलटों को फोग डिवाइस उपलब्ध कराई गई है। जो धुंध एवं कोहरे के समय लोको पायलट को  सिग्लन के सम्बंध में सही एवं सटीक सूचना प्रदान कर रही है। ये फोग डिवाइस लोको पायलट को नजदीक आने वाले सिग्नल का संकेत करती है। जो सिग्नल से 2000 मीटर पहले ही लोको पायलट को सूचित कर दता है। इस संकेत पर लोको पायलट गाड़ी की गति को नियंत्रित करते हुए आगामी सिग्नल को सुरक्षित पार करने के लिए तैयार हो जाता है।
ये उपकरण सुरक्षित एवं नियंत्रत रेल संचालन में श्रेष्ठ डिवाइस साबित हो रहा है। बीकानेर मंडल का रेवाड़ी जंक्सन से बठिंडा रेलखंड एवं भटिंडा से सूरतगढ़ रेलखंड विशेष रूप से फोग से प्रभावित माना गया है। फोग डिवाइस के अलावा रेलपथ पर गुड्स वार्निंग बोर्ड की दक्षता बढ़ाने हेतु रेडियम की स्ट्रिप लगाने का कार्य किया जा रहा है। रेलपथ पर चूना पट्टी की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे लोको पायलट धुंध की स्थिति को आसानी से समझ सके,  ये बिटविन सेक्शन में लगाई जाती है। इसके साथ ही सुरक्षित रेल यातायात के लिए रेल पथ पर रात्रिगश्त हेतु ट्रेकमेन्टेनर की ड्यूटी लगाई गयी है जिससे सर्दी में होने वाले रेललाइन फैक्चर की तुरंत सूचना मिल सके। इससे खतरे की स्थिति को टाला जा सकता है। ट्रैक मेंटेनर को डेटोनेटर उपलब्ध कराए गये हैं, इन डेटोनेटर को ट्रैकमेंटेनर रेललाइन फैक्चर होने पर गाड़ी आने की दिशा में एक निश्चित दूरी पर रेललाइन पर फिट किया जाता है। जब इंजन के पहिए इस डेटोनेटर के ऊपर से गुजरते हैं, तो डेटोनेटर तेज आवाज पैदा करता है। लोको पायलट इस आवाज को सुनकर गाड़ी की गति को नियंत्रित करते हुए खतरे के स्थान से पहले ही गाड़ी रोक देता है। इस प्रकार खतरे को टाला जाता है। इसके साथ ही लोको पायलट को आने वाले स्टेशन के होम सिग्नल की सूचना देने के लिए प्रत्येक स्टेशन पर पॉइंट्समैन को डेटोनेटर दिए जाते हैं, जिन्हें पॉइंट्समैन होम सिग्नल से गाड़ी आने की दिशा में निश्चित दूरी पर रेल पटरी पर फिट करता है, जिससे इंजन के व्हील गुजरते हैं, तो इंजन के भारी दबाव के कारण डेटोनेटर तेज आवाज के साथ फट जाता है, इस तेज आवाज को सुनकर लोको पायलट समझ जाता है, कि आगे सिग्नल आने वाला है और वह गाड़ी की गति को नियंत्रित कर सिग्नल को सुरक्षित पार करता है।
डीआरएम बीकानेर डाॅ आशीष कुमार की ओर से सर्दियों में कोहरे से उत्पन्न या सर्दी के मौसम से उत्पन्न समस्याओं से निपटने के लिए समय-समय पर महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। जो रेल यात्रियों की सुरक्षित यात्रा की दिशा में कारगर कदम है। उन्होंने बताया कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत अनेकों रेेलवे स्टेशन का कायाकल्प किया जा रहा है। जिसके पूरा होने के बाद यात्रियों को और अधिक सुविधाएं मिलेगीं।

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