अगर आपका विश्वास प्रबल न हो तो शिव महापुराण की कथा में जाने कोई लाभ नहीं : प्रदीप मिश्रा
सोशल मीडिया को छोड़ परिजनों को दें समय : प्रदीप मिश्रा
City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। विश्व विख्यात कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने शिव भक्तों से कहा कि शिव महापुराण की कथा में तब जाओ जब आपका विश्वास प्रबल हो, अगर आपका विश्वास प्रबल न हो तो शिव महापुराण की कथा में जाने कोई लाभ नहीं है। जैसे किसान फसल लगाने से पहले जमीन की क्यारी बनाकर पानी डालकर जमीन को नर्म कर लेता है ताकि बीज डालें और अकुंरित हो जाएं। उसी तरह शिव महापुराण की कथा कहतीं है कि अपने भीतर इतनी नम्रता ले आओ की तुम्हारे मुख से एक बार वहीं कई बल्कि श्री शिवाय नमस्तुभ्य निकले और वो बीज अंकुरित हो जाएं जो मानव का कल्याण करने वाला हो। उक्त बातें विश्व प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने उद्योगपति प्रवीण पाराशर व हेमलात द्वारा आईएमटी सेक्टर-66 में आयोजित पांचदिवसीय शिव महापुराण के दूसरे दिन मंगलवार को शिव भक्तों से कहीं। इस मौके पर कथा स्थल पर आने वाले अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया। यह शिव महापुराण का आयोजन आठ नवंबर तक चलेगा।
कथा के प्रवचन को जारी रखते हुए प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने शिव भक्तों से कहा कि अगर आप भगवान शिव को अपने परिवार का सदस्य बना लें तो आपको फिर सोचने-विचारे की जरूरत नहीं। जो शिव का हो गया अब शिव ही उनकी जाने। वहीं उन्होंने भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते हुए कुटुंब को एक साथ लेकर चलने की बात बार-बार दोहराई।
वहीं प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए कहा कि अगर आप जितना समय सोशल मीडिया पर गुजारते है और दोस्त बनाते हैं लेकिन वे दोस्त किसी काम के नहीं, इसलिए सोशल मीडिया की जगह अपने परिवार को समय दें ताकि वे आपके सुख-दुख में खड़े रहे। अगर आप किसी पुश-पक्षी व जीव को प्रेम से बुलाते हो तो वो आपके पास आतें है उसी तरह अगर सच्चे दिल से महादेव को पुकारों तो वो जरूर आएंगे। वहीं उन्होंने व्रत रखने वाले शिव भक्तों से कहा कि वे जिस दिन भी व्रत रखों तो, ये ध्यान रखना कि उन दिन किसी को भी अपशब्द न बोला जाएं। इस अवसर पर शहर के तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहें।
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फोटो परिचय : विश्व प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा शिवभक्तों का अभिनंद स्वीकार करते हुए।
फोटो परिचय : विश्व प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा को खड़ा होकर प्रणाम करते हुए भीड़।