कामधेनु गोधाम में आईएएस सौरभ गर्ग ने निःशुल्क चिकित्सा शिविर का किया उद्घाटन

आई.ए.एस सौरभ गर्ग ने कामधेनु गोधाम में किया निःशुल्क चिकित्सा शिविर का उद्घाटन
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | कामधेनु गोधाम में आज निःशुल्क चिकित्सा शिविर तथा मासिक हवन का आयोजन किया गया । इस अवसर पर गोधाम में आशीर्वचन पंडित मनोज आमेटा, शिक्षाविद् एवं प्रेरक प्रवक्ता, उज्जैन और बतौर मुख्य अतिथि आई.ए.एस सौरभ गर्ग, सचिव, मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंट (एम ओ एस पी आई), भारत सरकार व गरिमामयी उपस्थिति रमेश कांडपाल, अखिल भारतीय अनुव्रत ट्रस्ट, बतौर विशिष्ट अतिथि महावीर यादव पार्षद वार्ड नंबर 10 गुरुग्राम, गौऋषि दीदी प्रेमलता, प्रेम जन कल्याण सेवा संस्थान व मदनलाल जिंदल प्रसिद्ध उद्योगपति तथा समाजसेवी दिल्ली के अलावा शिविर संचालन डॉ. अनुष्का बी.एच.एम.एस और डॉ. गगनप्रीत कौर एस्थेटिक कॉस्मेटिक तथा हरियाणा राज्य और देश के अनेक महानुभव उपस्थित रहे ।
हवन से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया । हवन का संचालन रमेश आर्य ने किया । हवन प्रथा के अनुसार जून मास में जिन लोगों के जन्मदिवस, शादी की वर्षगांठ एवं पुण्यतिथि थी, उनके नाम से अग्नि देव को आहुति अर्पित की गई तथा समस्त मानव जाति के हित में सुख-शांति के लिए प्रार्थना की गई।
स्वागत कार्यक्रम में सौरभ गर्ग का स्वागत एस.पी.गुप्ता, यशपाल सिंघल, वर्तिका अग्रवाल तथा गाँव के सरपंच एवम् अन्य ग्रामीणों ने, रमेश कांडपाल का शशि गुप्ता, विशाल गर्ग ने, पंडित मनोज आमेटा का आचार्य मनीष शर्मा, ऊषा गर्ग, दीपक गर्ग ने, महावीर यादव का शशि गुप्ता, रुचिर गुप्ता, अनुपम गुप्ता ने, गौऋषि दीदी प्रेमलता का सुनील जिंदल, पायल गर्ग ने, मदनलाल जिंदल का डॉ. सविता उपाध्याय, महेन्द्र गोयल ने तुलसी का पौधा, कामधेनु स्मृति चिन्ह एवं संस्थान में पंचगव्य निर्मित घी का गिफ्ट पैक भेंट करके किया ।
मुख्य अतिथि आईएएस सौरभ गर्ग ने निःशुल्क चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया।
डॉ. एस पी गुप्ता ने सभी गणमान्य अतिथियों का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि गोमाता के सान्निध्य में रहने से गोमाता की चतुर्विध कृपा हमारे ऊपर बरसती है। उन्होंने बताया कि यहाँ गोशाला, कल्पवृक्ष, नैचुरोपैथी, आयुर्वेदिक, योग, पंचकर्म, गो-थेरैपी, पञ्चगव्य आधारित उत्पादों का निर्माण इत्यादि बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध हैं उनका सभी को लाभ उठाना चाहिए।
गौऋषि दीदी प्रेमलता ने उन्हें यहाँ बुलाने के लिए संस्थान का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि गोमाता के गोबर का मूल्य सोने से भी अधिक है। वह गोमाता के गोबर द्वारा 2000 से अधिक वस्तुएं बनाने के लिए उपयोग कर रही है। उन्होंने भारतवर्ष के दूर-दराज के इलाकों में पञ्चगव्यों से निर्मित उत्पादों का प्रचार प्रसार किया है। उन्होंने गोमाता के गोबर का विभिन्न उत्पादों में उपयोग का वर्णन किया। उन्होंने गोमाता के संरक्षण और संवर्धन पर जोर दिया। उन्होंने अपने उद्बोधन का विश्राम भजन की इन पंक्तियों से किया “शान है जो पूरे भारत की, शान नहीं घटने देंगे, सर कट जाए बेशक अपना, गाय नहीं कटने देंगे…”
पार्षद महावीर यादव ने अपने वक्तव्य में बताया कि यहाँ पर पहली बार उनका आना हुआ है। उन्होंने बताया कि हम सब गोमाता के बारे में बातें तो करते है लेकिन गोमाता को पालना नहीं चाहते। हम सभी को किसी न किसी रूप में गोसेवा अवश्य करनी चाहिए।
पंडित मनोज आमेटा ने आशीर्वचन का प्रारम्भ वैदिक मंत्र “संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्। देवा भागं यथा पूर्वे सञ्जानाना उपासते।। अर्थात हम सब एक साथ चलें; एक साथ बोलें; हमारे मन एक हों। प्राचीन समय में देवताओं का ऐसा आचरण रहा इसी कारण वे वंदनीय हैं” से किया जिसमें उन्होंने सामूहिकता की भावना पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि यहाँ पर आकर वो आनंदित है, उत्साहित है। उन्होंने बताया कि हम यहाँ हवन के माध्यम से सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना करे। उन्होंने बताया यहाँ पर शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक और नैतिक विकास होता है और उनमें संतुलन होना चाहिए। सेवा का संकल्प सभी को करना चाहिए। जैसे जैसे हमारी श्रद्धा बढ़ती है, वैसे वैसे हमें ज्ञान प्राप्त होता है और हमें सद्बुद्धि प्राप्त होती है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद की एक पंक्ति का जिक्र किया कि “शिक्षा मनुष्य में पहले से ही मौजूद पूर्णता की अभिव्यक्ति है” उनका मानना था कि शिक्षा व्यक्ति में पहले से ही मौजूद शक्ति, बुद्धि और क्षमता को प्रकट करने में मदद करती है, जो परमात्मा से प्राप्त होती है। उन्होंने पॉलिथीन और पेस्टीसिड्स के इस्तेमाल को कम करने के लिए अनुरोध किया । उन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम् की संस्कृति के विकास पर बल दिया ।
रमेश कांडपाल ने अपने सम्बोधन में बताया कि गोधाम साधना का एक केंद्र है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति 5 मुद्राओं – अरिहंत मुद्रा, आचार्य मुद्रा, सिद्ध मुद्रा, उपाध्याय मुद्रा और मुनि मुद्रा का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। अगर इन मुद्राओं का नित्य अभ्यास किया जाए तो उसे किसी योगासन की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने बताया कि जो भी गोप्रेमी संस्थान में आये वह यहाँ अपनी नकारात्मक ऊर्जा छोड़ कर जाए और सकारात्मक ऊर्जा लेकर जाए। उन्होंने सकारात्मक के लिए इन 5 वाक्यों को नित्य ध्यान रखने पर जोर दिया :
– मैं शक्तिशाली हूँ मेरे शरीर के कण कण में शक्ति का संचार हो रहा है
– मैं स्वस्थ हूँ मेरे शरीर के कण कण में स्वस्थता का संचार हो रहा है
– मैं सुन्दर हूँ मेरे शरीर के कण कण में सुंदरता का संचार हो रहा है
– मैं प्रसन्न हूँ मेरे शरीर के कण कण में प्रसन्नता का संचार हो रहा है
– मैं भारतीय हूँ मेरे शरीर के कण कण में भारतीयता का संचार हो रहा है
सौरभ गर्ग ने डॉ. एस पी गुप्ता का उन्हें यहाँ बुलाने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि संस्थान जिस तरह का कार्य कर रहा है वह प्रशंसनीय है। यहाँ ज्ञान-विज्ञान का जो प्रचार-प्रसार हो रहा है वह सराहनीय है। उन्होंने बताया कि 2047 तक भारत कि जो विकसित राष्ट्र की संकल्पना है उसमे भारत की सभी विधाओं का योगदान होना चाहिए ।
अध्यक्षा शशि गुप्ता ने अपने धन्यवाद प्रस्ताव में मुख्य अतिथि सौरभ गर्ग के बारे में बताया कि उनके व्यक्तित्व की विशेषता उनकी सादगी और सरलता है। संस्थान के एक अनुरोध पर ही उन्होंने यहाँ आना स्वीकार कर लिया। आधार कार्ड की क्रांति के प्रवर्तकों में सौरभ गर्ग का नाम अग्रणी है । पंडित मनोज ने वैदिक मंत्रो का उच्चारण किया। वैदिक मन्त्रों के उच्चारण मात्रा से अतुलनीय चमत्कार देखने को मिलते है। ऐसे ही चंद लोग हैं जिनके कारण सृष्टि यथावत चल रही है । रमेश कांडपाल नित्य यहाँ आकर गोप्रेमियों का प्रोत्साहन और ज्ञान वर्धन करते रहते है । महावीर यादव के यहाँ कई पीढ़ियों से नित्य जो सेवा हो रही है । उन्होंने बताया कि वियतनाम की अर्थव्यवस्था समाप्ति के कगार पर थी लेकिन उसके संवर्धन का मुख्य कारण गोमाता की सेवा है । प्रेमलता जैसे गोप्रेमी धन्य है जो गोमाता के गोबर को सोने के भाव बेचने की क्षमता रखती है । ऐसे ही लोगो के प्रयास से भारत सोने की चिड़िया बनने की और अग्रसर है । सभी अतिथियों और गोप्रेमियों के पधारने के लिए धन्यवाद दिया ।
आखिर में प्रियंक गुप्ता ने सभी को गोमाता को सवामणी, निशुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ और महाप्रसाद के लिए निमंत्रित किया।
इसके उपरांत मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों ने कामधेनु आरोग्य वैलनेस संस्थान एवं कामधेनु गोधाम का अवलोकन किया तथा गौवंश को सवामणि एवं चारा अर्पित करने के उपरान्त प्रसाद ग्रहण किया ।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त आई.पी.एस यशपाल सिंघल, डॉ. सविता उपाध्याय, नन्दिनी तिवारी, डॉ. अनुष्का, ए.पी.मलिक, डॉ. ओ.पी.चौहान, पूनम शर्मा, भावना, शुभम जैन, जयन्त कांडपाल, महावीर आर्य, पिंकी शर्मा, सुनील शर्मा, यतिका, पारस, सिमोनी राव, हर्षवर्धन, मान्या, नमन, सोनू तायल, बालकिशन सोनी, रमेश चौधरी, इन्द्रजीत, नरेश कुमार, ईश्वर, राकेश, सोना, सागर सिंह, ज़ुबैर मोहम्मद, शुभम, सुनील कुमार, अभिषेक अग्रवाल, पंडित सोहन लाल, श्रीमती सुशीला भारद्वाज, चन्दन सिंह, ब्रह्म प्रकाश कौशिक, दलबीर सिंह, डॉ. मैत्रेयी, मनीष, वंशू, अजय, पायल गुप्ता, डिंपल गुप्ता, नवीन झा (दिल्ली), तावडू से पवन गुप्ता, धर्मवीर गर्ग, राजबीर शर्मा सरपंच, तेजपाल तंवर सहित क्षेत्रीय गांवों के गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।