250 साल पुराने पेंशन धारी बरगद के नीचे होली मिलन का कार्यक्रम

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City24news@अनिल मोहनियां

नूंह | विश्व हिन्दू परिषद की महिला विंग दुर्गा वाहिनी ने 250 साल पुराने पेंशन धारी बरगद के नीचे होली मिलन का कार्यक्रम किया। दुर्गा वाहिनी की कार्यकर्ताओं द्वारा पेड़ के नीचे बैठ कर ही ग्रामीण तरीके से बिना बर्तनों का प्रयोग किए सामूहिक भोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ आर्य समाज नूंह के सहयोग से वैदिक हवन करने के बाद किया गया तथा देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले दिवंगत हुतात्माओं को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। दुर्गावाहिनी हरियाणा की प्रांत संयोजिका नेहा सिंह ने बताया कि होली के त्यौहार को हम बुराईय़ों की होली जलाने के रूप में मनाते हैं। नगरीकरण क होड़ में हम ग्रामीण अंचल के वातावरण को भूलते जा रहे हैं। इसलिए दुर्गावाहिनी नूंह ने तय किया कि इस बार होली मिलन कार्यक्रम ग्रामीण अंचल में मनाया जाए। हमारा सौभाग्य है कि गहबर बडोजी गांव में एक बरगद का वृक्ष करीब 250 वर्ष पुराना है। उन्होंने कहा भारतीय सनातन संस्कृति में जातिवाद और ऊंच नीच को कहीं भी स्थान नहीं दिया गया है। लेकिन संघर्ष के काल में विदेशी आक्रांताओं के कारण भारतीय समाज में बुराईयां फैली। आज समय है कि हम इन बुराईयों की आहुति दे कर समृद्ध सनातन संस्कृति के अनुगामी बने। भूमि पर एक साथ बैठक भोजन करने से सामाजिक समरसता की भावना बलवती होती है। यही कारण है कि दुर्गावाहिनी संगठन द्वारा इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

पेंशनधारी है बरगद:

गहबर गांव निवासी प्रकाश चंद सैनी ने बताया कि जिस पेड़ की छांव के नीचे यह कार्यक्रम किया गया, वह 18वीं शताब्दी में लगाया गया था। वन विभाग द्वारा वृक्ष की आयु का आंकलन कर इसे 200 से 250 वर्ष पुराना बताया। इसी कारण से हरियाणा सरकार द्वारा वृक्ष को वृद्धावस्था पेंशन भी मिलती है। उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार वृक्ष की देखभाल पारिवारिक सदस्य की भांति करते हैं।

हवन कर शहीदों को किया याद:

कार्यक्रम से पहले आर्यसमाज नूंह के कार्यकर्ता ज्ञानचंद आर्य, कन्हैया लाल, मनोज गर्ग, सुरेश आर्य, कुलवंत बघेल द्वारा हवन यज्ञ किया गया तथा बलिदानी स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया गया। यस के पश्चात ज्ञानचंद आर्य द्वारा यज्ञ का महत्व समझाया। इस मौके पर दुर्गावाहिनी से अंजना अग्रवाल, निशा, भावना, ललिता आदि सहित काफी महिलाएं रहीं। 

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