होडल : लघु सचिवालय की इमारत जर्जर अवस्था में, गिरने लगा छतों का लेंटर

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City24news/हरिओम भारद्वाज
होडल | पुन्हाना मोड़ स्थित लघु सचिवालय की इमारत देखरेख के अभाव में दिन पर दिन जर्जर होती जा रही है। जहा इमारत की दीवारों पर से प्लास्टर गिर रहा है वही छतों से भी लेंटर गिरने लगा है। तीन मंजिला इमारत जिन पिलरओ पर खड़ी है वह भी टूटने लगे है। बीते दिन भी छत का प्लास्टर गिरने की वजह से नीचे काम कर रहे कर्मचारी घायल होने से बाल बाल बचे है। लगभग 15 वर्ष पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में लघु सचिवालय की नई इमारत का निर्माण करवाया गया था। पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही की वजह से इमारत जर्जर होने लगी है। ज्ञात रहे की इसी इमारत में एसडीएम कार्यालय, डीएसपी कार्यालय, बिजली विभाग एक्सन कार्यालय, आंगनवाड़ी कार्यालय, मत्स्य पालन जैसे अधिकारियों के कार्यालय हैं। और इस इमारत की हालत खस्ताहाल है जिस कारण अधिकारियों,कर्मचारियों और वह जरूरी कार्य से आने वाले लोगो के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

ज्ञात रहे सरकार ने करोड़ों रुपए की लागत से होडल में लघु सचिवालय का निर्माण तो करा दिया लेकिन उसकी देखरेख नहीं होने की वजह से इमारत की हालत बेहद खराब है। परिसर में आने वाले नागरिकों के लिए पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है । ना ही शौचालय सुचारू रूप से चालू है । परिसर में जगह-जगह गंदगी के ढेर देखने को मिलते हैं। शौचालय में गंदगी भरी पड़ी रहती है साफ सफाई के लिए कोई कर्मचारी मौजूद नही है।लघु सचिवालय के पिलर भी छतिग्रस्त नजर आते है। दरवाजे खिड़कियां टूटे हुए हैं। सुविधाओं के नाम पर लघु सचिवालय परिसर में किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। लोगों के लिए स्वच्छ पीने के पानी तक की सुविधा भी नहीं है।अपने किसी कार्य से लघु सचिवालय परिसर में आए व्यक्ति गांव भूलवाना निवासी संजय ने बताया कि परिसर के गेट में घुसने से पहले ठेकेदारों द्वारा वाहनों की पार्किंग के लिए रसीद तो काट दी जाती है लेकिन वाहनों को खड़ा करने के लिए कोई निश्चित जगह भी नहीं है।  यह सब नागरिकों को लूटने का कार्य कर रहे हैं। होडल लहुखंड कॉलोनी निवासी मामराज ने बताया कि लघु सचिवालय परिसर में कहीं पर भी पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं है। सरकारी कार्यालय होने की वजह से यहां घंटो अपने कार्य के लिए इंतजार करना पड़ता है पीने के पानी की सुविधा नहीं होने की वजह से लोगों को प्यास बुझाने के लिए दर-दर भटकना पड़ता है । और रुपए देकर पानी पीना पड़ता है । कहने को तो सरकार लोगों की सुविधाओं के लिए सैकड़ो कार्य कर रही है लेकिन सचिवालय परिसर में जन सुविधाओं का अभाव होने के साथ-साथ साफ सफाई भी नहीं है। और आपातकाल की स्थिति में निपटने के लिए लघु सचिवालय परिसर में अग्निशमन यंत्र भी खराब पड़े हुए हैं। आपातकाल की स्थिति में आग बुझाने के लिए किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है । करोड़ों रुपए की लागत से बने होडल लघु सचिवालय परिसर को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जुलाई 2010 में होडल की जनता को समर्पित किया था। इमारत में आपातकाल में आग लगने से बचाव के लिए फायर सिस्टम भी लगाया हुआ है। लेकिन देखरेख नहीं होने की वजह से वह पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। दीवारों और छत में मकड़ियों और मच्छरों ने डेरा जमाया हुआ है साफ सफाई का कोई नाम नहीं है परिसर के अंदर जगह कूड़े कचरे के ढेर लगे हैं। इस संदर्भ में जब एसडीएम रणबीर सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि लघु सचिवालय परिसर में सफाई अभियान चलाया जा रहा है। और जल्द ही साफ सफाई की व्यवस्था दुरुस्त की जायेगी। उन्होंने कहा कि आज ही जेई और अन्य अधिकारियों के साथ उन्होंने बैठक बुलाई है जल्द से जल्द लघु सचिवालय परिसर की इमारत की मुरम्मत करवा कर दुरुस्त किया जाएगा।

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