बागोत के मोहित सुसाइड केस में सोमवार को मानवाधिकार आयोग में हुई सुनवाई
– हाईकोर्ट के निर्णय पर टिकी आस
-वादी के आरोपों की जांच के लिए एसआइटी तैयार
-53 दिन से मोर्चरी में रखा हुआ है युवक का शव
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | बाघेश्वरधाम बागोत स्थित 26,वर्षीय युवक मोहित सुसाइड केस में सोमवार को मानवाधिकार आयोग पंचकूला में सुनवाई हुई। जिसमें प्रशासन की तरफ से तहसीलदार एवं डीएसपी की ओर से पूरा प्रकरण हाईकोर्ट में सब ज्यूडिस होने को लेकर पक्ष रखा। जिस पर आयोग ने कैलाशचंद की ओर से हाइकोर्ट में डाली गई अर्जी पर न्यायालय के फैसले को महत्वपूर्ण बताया। उच्च न्यायालय की ओर से आज मंगलवार,4 फरवरी को अहम निर्णय लिया जा सकता है। इस बारे में वादी पक्षकार की ओर से जल्द सुनवाई के लिए दरखास्त लगाई गई है। हाइकोर्ट के आदेश पर वादी एवं प्रतिवादी पक्ष की नजरे टिकी हुई हैं।
बता दें कि पडतल गांव के सरपंच रोशनलाल इंदोरा ने वकील पदमकांत के माध्यम से जनहित एवं मानव अधिकारों को देखते हुए एक दरखास्त एचएचआरसी, हरियाणा ह्यूमन राईट कमीशन चंडीगढ में दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने बागोत निवासी मोहित का शव कनीना अस्पताल के मोर्चरी में रखा होने व उसका निश्चित समय पर ससम्मान अंतिम संस्कार करवाने की दलील दी गई थी। जिसकी सुनवाई सोमवार 3 फरवरी मुर्करर की थी। जिस पर आयोग ने हाईकोर्ट का फैसला आने तक इंतजार करने को कहा। इसी के चलते आयोग की ओर से संभवतया आगे की तारीख नहीं दी।
ईधर वादी कैलाशचंद द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल किए गए आरोप पत्र की जाच के लिए पुलिस महानिदेशक की ओर से एसआईटी का गठन किया जा चुका है। जो एसपी के नेतृत्व में डीएसपी, इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर जांच करेगी। डीजीपी द्वारा गठित की गई एसआईटी के सामने कैलाशचंद मामले से जुडे सबूतों तथा गवाहों की सूचि उपलब्ध करवा सकता है।
मृतक के पिता कैलाशचंद ने इस बारे में 14 जनवरी को पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी डाली गई थी। जिस पर 16 जनवरी को सुनवाई करते हुए न्यायधीश हरप्रीत सिह बरार ने कैलाशचंद को फांसी लगाकर मरे युवक मोहित का 3 दिन में अंतिम संस्कार करने, अर्जी में लगाए गए आरोपों की जांच आईपीएस अधिकारी से करवाने तथा मृतक के पिता को भी शामिल तफ्तीश होेने के भी आदेश दिए थे। लेकिन कैलाशचंद पूर्व मंत्री सहित आठ व्यक्तियों के विरूध एफआईआर करने की मांग पर अडा हुआ है। समाचार लिखे जाने तक आयोग की ओर से इस केस में आगामी तिथि नहीं दी थी।
इस बारे में तहसीलदार संजीव नागर ने बताया कि सोमवार को मानवाधिकार आयोग के समक्ष जवाबदावा दाखिल किया गया। जिसमें मामला आॅलरेडी हाईकार्ट में विचाराधीन होने की बात कही गई। आयोग ने गहनता से मंथन कर हाईकोर्ट के फैसले को सर्वोपरी करार दिया।
हाईकोर्ट के एडवाकेट सत्यारायण यादव ने कहा कि आज सोमवार को उनकी ओर से तत्काल सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में दरखास्त लगाई गई। जिसमें जांच कमेटी को बदलने की बात कही गई है। दरखास्त पर मंगलवार 4 फरवरी को सुनवाई होने की उम्मीद है।