बागोत मोहित सुसाइड केस में आज बुधवार को हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
-हरियाणा ह्यूमन राइट कमीशन ने जनहित अर्जी को किया खारिज
-54 दिन से मोर्चरी में रखे शव का कोर्ट के आदेश के बाद हो सकता है दाह संस्कार
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | कनीना सब डिवीजन के गांव बागोत निवासी मोहित सुसाइड केस में हरियाणा ह्यूमन राईट कमीशन चंडीगढ ने पडतल के सरपंच रोशन लाला द्वारा दाखिल की गई जनहित अर्जी को मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के बाद खारिज कर दिया है। इस अर्जी पर सोमवार 3 फरवरी को सुनवाई हुई थी। जिस पर कनीना के तहसीलदार एवं डीएसपी की ओर से जवाबदावा दाखिल किया गया था। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कमीशन ने अर्जी खारिज करने के आदेश दिए। अब आज बुधवार को इस मामले की सुनवाई पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में होगी। जिसके लिए वादी एवं उसके अधिवक्ता चंडीगढ कूच कर गए है। प्रशासन की ओर से भी अधिकारी अपना पक्ष रखेगें।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस महानिदेशक चंडीगढ की ओर से एसआईटी का गठन किया गया है। जिसमें पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में डीएसपी, इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर सहित तीन अधिकारियों को शामिल किया गया है। गठित की गई एसआईटी के सामने पेश होकर कैलाशचंद मामले से जुडे सबूतों तथा गवाहों की सूचि उपलब्ध करवा सकता है। उच्च न्यायालय पंजाब एवं हरियाणा में दाखिल सीआरएम-एम 2017-2025 एवं डीडीआर नम्बर 16 दिनांक 14 दिसंबर 2024, बीएनएस की धारा 194 के संदर्भ में वादी कैलाशचंद को जांच में शामिल होने को लेकर नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
ईधर मृतक युवक मोहित का शव पिछले 54 दिन से उप नागरिक अस्पताल कनीना के फ्रीजर में रखा हुआ है। वादी एंव प्रतिवादी पक्ष को हाईकोर्ट के आदेश का पल-पल का इंतजार बना हुआ है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक आगामी कार्रवाई अमल में लायी जाएगी।
कैलाशचंद ने इस बारे में बीती 14 जनवरी को पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी डाली थी। जिस पर 16 जनवरी को सुनवाई करते हुए न्यायधीश हरप्रीत सिह बरार ने कैलाशचंद को फांसी लगाकर मरे युवक मोहित, 26 वर्ष का 3 दिन में अंतिम संस्कार करने, अर्जी में लगाए गए आरोपों की जांच आईपीएस अधिकारी से करवाने तथा मृतक के पिता को भी शामिल तफ्तीश होेने के भी आदेश दिए थे। लेकिन कैलाशचंद पूर्व मंत्री सहित आठ व्यक्त्यिों के विरूध एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए शव का दाह संस्कार करने से बच रहा है।
उच्च न्यायालय के एडवाकेट सत्यारायण यादव ने बताया कि उनकी ओर से सोमवार को तत्काल सुनवाई के लिए दरखास्त लगाई गई थी। जिस पर आज बुधवार को सुबह की पारी में सुनवाई होने की संभावना है। लगाई गई दरखास्त में जांच अधिकारियों को बदलने की दलील दी गई है। जिस पर बुधवार 5 फरवरी को आदेश पारित होने की उम्मीद है।