होडल मै हरियाणा मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर दिया ज्ञापन

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City24news/हरिओम भारद्वाज

होडल | लिपिकों के मूल वेतनमान में वृद्धि, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, नियमितीकरण की नीति, ग्रुप डी के कर्मचारियों का पदोन्नति का कोटा 50 प्रतिशत करने, ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी की समीक्षा करने एवम् एक्सग्रेसिया में लगाई गई शर्तों को हटाने आदि मांगों का ज्ञापन कर्मचारियों ने हरियाणा मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के बैनर तले हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष चौधारी उदयभान के होडल स्थित आवास पर दिया गया। बता दें कि कर्मचारी प्रदेष की सभी राजनैतिक पार्टियों के अध्यक्षयों को मांगों का ज्ञापन सौंप रहे हैं। कर्मचारी डबचिक टूरिस्ट कॉप्लेक्स पर एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन करते हुए कॉन्ग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के निवास स्थान पर पहुंचे। कर्मचारियों का नेतृत्व हरियाणा मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के प्रधान प्रकाश चंद और हेमसा यूनियन के राज बहादुर रावत ने संयुक्त रूप से किया इस अवसर पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए योगेश शर्मा ने बताया कि भाजपा द्वारा 2014 और 2019 के चुनावों में वेतन विसंगतियां दूर करने का वादा किया था। गत दिनों लगातार 42 दिनों की हड़ताल करने और सरकार से कई दौर की बातचीत होने के बावजूद सरकार ने लिपिक वर्ग के मूल वेतनमान में मामूली वृद्धि की है। लिपिकों की मूल वेतनमान 35 हज़ार 400 की मांग आज भी जस की तस बनी हुई है। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ तो सरकार रिकॉर्ड तोड जीएसटी एकत्रीकरण के दावे करती है जबकि दूसरी तरफ़ कोरोना काल में कर्मचारियों के फ्रिज किए गए 18 महीनों के महंगाई भत्ते का एरियर आज तक जारी नहीं किया गया है। विद्यालयों में अध्यापकों के हजारों पद खाली पड़े हैं लेकिन सरकार नियमित भर्ती न करके कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भर्ती कर रही है। कौशल रोजगार निगम युवाओं के जीवन के साथ धोखा है।

निगम को भंगकर कर्मचारियों की रेगूलर भर्तियां हों।

उन्होंने आगे बताया कि सातवें वेतन आयोग में प्राविधान था कि महंगाई भत्ते की दर 50 प्रतिशत से उपर जाने पर मकान किराया भत्ते में 2 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी लेकिन प्रदेश सरकार भत्तों में वृद्धि नहीं कर रही है।

सर्व कर्मचारी संघ होडल खंड के अध्यक्ष देवेन्द्र नंबरदार ने बताया कि सरकार ने एक्सग्रेसिया स्कीम में शर्ते लगा रखी है जबकि मृत्यु कभी शर्तों के आधार पर नहीं होती है। एक्सग्रेसिया स्कीम में लगी शर्तों को हटाया जाना चाहिए। सरकार विभागों का बडी तेजी से निजीकरण कर रही है। पिछले दिनों बिजली निगम के कई फीडरों का संचालन निजी ऐजेंसियों को दिया गया है। जिसका कर्मचारियों ने पुरजोर तरीके से विरोध भी किया था। सरकार एनपीएस को रद्द कर पुरानी पेंशन को बहाल करे।

प्रदर्शन में अध्यापक संघ के प्रधान ओम प्रकाश जाखड़, बिजली के प्रधान नरेन्द्र सौरोत, राकेश तंवर,लखवीर सौरोत, राजगोपाल शर्मा, हरकेश सौरोत , यशपाल सौरोत, पवन कुमार, महेंद्र, बीर सिंह सौरोत एवम् संदीप कुमार आदि कर्मचारी मौजूद रहे। 

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