लाभार्थी किसानों को उपलब्ध करवाए जाएंगे कृषि यंत्र : जिला उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ

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City24news/ज्योति खंडेलवाल
पलवल| जिला उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि पलवल जिले में 85 हजार एकड मे किसानों द्वारा धान की बिजाई कर दी गई है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए ऑनलाइन आवदेन 4 अगस्त 2024 तक मांग गए है। जिन किसानों ने आवेदन किया हुआ है, उनको जल्द ही कृषि यंत्र उपल्बध करवाए जाएंगे। 

उन्होंने बताया कि धान की पराली मे आगजनी के जीरो प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा अनेक स्कीम आरंभ की गई है। इसमेे मेरा पानी, मेरी विरासत स्कीम के तहत धान के अपेक्षा वैकल्पिक खेती करने पर किसान को 7 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावा धान के अवशेषों को गलाकर मिट्टïी मे मिलाने के लिए डी कम्पोजर किट किसानों को निशुल्क प्रदान की जाती है। वहीं फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करने के लिए इन-सीटू तथा एक्स-सीटू तकनीक के कृषि यंत्र किसानों को अनुदान राशि पर उपलब्ध करवाए जाते हैं। इन-सीटू तकनीक के कृषि यंत्रों जैसे सुपर सीडर, मल्चर, पैडी स्ट्रा चोपर, रोटरी शलेशर आदि का प्रयोग करके धान के अवशेषों को मिट्टïी में मिलाकर जमीन की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है। एक्स-सीटू तकनीक के कृषि यंत्र जैसे बेलर व है-रेक के प्रयोग से किसान पराली की गांठे बना सकते हैं व इनको बेचकर अपनी आय बढ़ा सकते है। 

      उन्होंने बताया कि जिले मे 73 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं। इन सभी कस्टम हायरिंग सेंटर को फ ॉर्म-ऐप पर भी मैप करवा दिया गया है, जिससे इच्छुक किसान उचित दर पर किराए पर ले सकता है व लगभग 1500 कृषि यंत्र व्यक्तिगत किसानो को अनुदान पर दिए जा चुके है। इसके साथ-2 फसल अवशेषों का मशीनों द्वारा प्रबंधन करने पर किसानों को 1000 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। आगजनी का जीरो लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिला स्तर, ब्लॉक स्तर व ग्राम स्तर पर जागरूकता शिविरों का अयोजन किया जाता है। किसान फसल अवशेषों मे आग लगाता है तो कृषि विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा व सेटेलाइट के माध्यम से निगरानी रखी जाती है। यदि किसानो की आगजनी की घटनाएं सही पाई जाती है तो किसानो पर जुर्माना भी किया जाता है और किसान के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जाती है। इसके साथ-2 जो गांव रेड जोन में है और उन गांव में फसल अवशेष जलाने की घटना शून्य पाई जाती है तो ग्राम पंचायत को एक लाख रुपए की राशि व येल्लो जोन के गांव में फ सल अवशेष जलाने की घटना शून्य पाई जाती है तो ग्राम पंचायत को 50 हजार रुपए की राशि प्रदान करने का प्रावधान है। जिला पलवल में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए व शून्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न कमेटियों का गठन किया गया है।

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