पीपीपी योजना से सरकार के रिकार्ड में बढे बीपीएल कार्डधारक
City24news@सुनील दीक्षित
कनीना | सरकारी तंत्र की खामी कहें या ऑनलाईन सिस्टम की देन। जिसके चलते प्रदेश में बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या लगातार बढती जा रही है। इसके पीछे सरकार डाल-डाल तो उपभोक्ता पात-पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। सरकारी तंत्र आनलॉइन माध्यम से पीपीपी में सालाना आय 1.80 लाख देखता है। उसमें कितने सद्स्य हैं,भौतिक सत्यापन क्या है,वाहनों की स्थिति क्या है, सरकारी नौकरी में कितने सद्स्य हैं, कृषि योज्य भूमि कितनी है ऐसे प्रश्र दबे रह जाते हैं। जिसके चलते एक ही परिवार के लोग पीपीपी में 1.80 लाख आमदनी से नीचे दर्शाकर अलग-अलग राशन कार्ड बनवाने में कामयाब हो जाते हैं। इतना ही नहीं अविवाहित लड़कियों के भी राशन कार्ड देखने में आ रहे हैं। जबकि उनके परिवार में सरकारी नौकरी तथा भू-मालिक हैं। सरकार चुनावी वर्ष में जुटी हुई है। जिससे गरीबों के नाम पर जारी होने वाले राशन पर अमीरों द्वारा कुंडली मारी जा रही है। अत्यधिक राशन कार्ड बनने से डिपूधारकों के सामने एलोकेशन के मुताबिक राशन उपलब्ध नहीं होने की समस्या उत्पन्न हो रही है। जिसके चलते प्रत्येक गांव में करीब 10-20 फीसदी लोग राशन से वंचित रह रहे हैं। क्षेत्र के सामाजिक संगठनों व प्रबुधजनों ने कहा कि इस बारे में शासन-प्रशासन भी अवगत है। गरीबों के राशन पर अमीर लोग मौज कर रहे हैं। इस बारे में जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक नारनौल ने बताया कि डायरेक्टर फूड सप्लाई चंडीगढ की ओर से हाल ही में जारी किए पत्र क्रमांक एफजी 2-2 024,1562 के माध्यम से बीपीएल तथा एएवाई राशन कार्ड का सत्यापन स्थानीय समिति की ओर से सत्यापन किया गया था जिसकी वास्तविक आय 1.80 लाख से अधिक है ओर उनका बीपीएल राशन कार्ड बन गया जबकि पात्र परिवार लाभ से वंचित हो गए। इस प्रकार के संसोधन क्रिड के दिशा-निर्देशन में फूड सप्लाई व डिपू धारक कर सकेगें।