पौधारोपण को बढ़ाने के लिए सरकार ने शुरू की वन मित्र योजना : एडीसी

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 City24news@अनिल मोहनियां

नूंह | अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक ने बताया कि वन एवं वन्य जीव विभाग, हरियाणा द्वारा गैर वन भूमि में वन आवरण को बढ़ाने, स्वच्छ वातावरण के निर्माण के साथ-साथ सामुदायिक भागीदारी व पौधारोपण को बढ़ाने के लिए वन मित्र (गैर वन भूमि पर पौधारोपण की योजना) योजना शुरू की है। उन्होंने बताया कि एक स्वस्थ पर्यावरण के लिए हरित आवरण की महत्वपूर्ण भूमिका और हरियाणा में वन क्षेत्रों में कमी को पहचानते हुए इस योजना का उद्देश्य वृक्ष आवरण बढ़ाने में स्थानीय समुदायों को सीधे शामिल करना है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 7500 स्थानीय स्वयंसेवकों के समर्थन का लाभ उठाकर इस योजना में पर्यावरण संरक्षकता की संस्कृति और वृक्षारोपण और देखभाल के प्रति व्यक्तिगत प्रतिबद्धता को बढा़वा देने की परिकल्पना की गई है।         

   उन्होंने बताया कि योजना का उद्देश्य वृक्षारोपण में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना, वृक्षारोपण की जीवित रहने की दर में वृद्धि सुनिश्चित करना और एक स्वस्थ रहने वाले वातावरण के लिए गैर-वन भूमि पर वृक्ष आवरण को बढ़ाना है। डीसी ने बताया कि पर्यावरणीय स्थिरता, भूमि पर हरित आवरण की सीमा पर निर्भर करती है। हरियाणा जैसे कम वन वाले राज्यों में नागरिकों के लिए पारिस्थितिक संतुलन और परिवेशी पर्यावरण की बहाली के लिए निर्दिष्ट वन क्षेत्रों के बाहर वृक्ष आच्छादन बढ़ाने की आवश्यकता है। वन मित्र योजना सामुदायिक संसाधनों को जुटाने और वृक्षारोपण की देखभाल के लिए उत्साह पैदा करने के उद्देश्य से एक रणनीतिक कदम है।

पात्र परिवारों की पहचान और पंजीकरण : 

 अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक ने बताया कि 1.8 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले पात्र परिवारों/ व्यक्तियों की पहचान नागरिक संसाधन सूचना विभाग (सीआरआईडी) द्वारा बनाए गए परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के आंकड़ों से की जाएगी और योजना में भाग लेने के लिए पात्रता की सूचना परिवारों को विभिन्न माध्यम द्वारा दी जाएगी। इस संदेश के माध्यम से हितधारकों को योजना की वन मित्र पोर्टल/मोबाइल एप पर पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसी प्रकार से पंजीकरण के लिए पात्र परिवार वन मित्र मोबाइल एप पर परिवार के एक योग्य सदस्य द्वारा लगाये जाने वाले पौधों की संख्या दर्ज की जायेगी जिसकी अधिकतम सीमा 1000 होगी। पंजीकृत आवेदकों में कम पारिवारिक आय एवं आयु में कम आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी। पंजीकरण के लिए पोर्टल एचटीटीपी://164.100.137.122/वनमित्र पर लॉगिन किया जा सकता है।

वन मित्र की भूमिका और उत्तरदायित्व:           

   वन मित्र को रोपण के लिए आवश्यक भूमि की पहचान और व्यवस्था करनी होगी। यदि वृक्षारोपण के लिए पहचानी गई भूमि वन मित्र के स्वामित्व में नहीं है तो वह मालिक से लिखित रूप में अनुमति प्रदान करेगा, वृक्षारोपण के लिए आवश्यक गड्ढे खोदना और गड्ढे में वृक्षारोपण करना और मानक संचालन प्रक्रियाओं में निहित विनिर्देशों के अनुसार उनकी देखभाल करना तथा वृक्षारोपण की सलफता सुनिश्चित करनी होगी।

वन विभाग की भूमिका और उत्तरदायित्व : वन मित्र को रोपण के लिए स्वस्थ पौधे उपलब्ध कराना, वन मित्र को वृक्षारोपण की तकनीकों और इसके रखरखाव व संरक्षण और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की तैयारी जैसे खरपतवार-कटाई, सिंचाई, ठंड से पौधों की सुरक्षा के उपाय पर बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान करना, वन रक्षक, वन दरोगा और रेंज अधिकारी वन मित्रों को उनके अधिकार क्षेत्र के भीतर वृक्षारोपण के संबंध में जब-जब आवश्यकता होगी सलाह देंगे तथा वन मित्र द्वारा किए गए वृक्षारोपण के सफलता प्रतिशत के मूल्यांकन का दस्तावेजीकरण करना है।

कार्यान्वयन समयरेखा और गतिविधियां:-

प्रथम वर्ष में फरवरी व मार्च में पंजीकरण, चयन और प्रशिक्षण दिया जाएगा। 10 जून तक वृक्षारोपण के लिए गड्ढे खोदने का काम पूरा, 1 जुलाई से 15 अगस्त तक रोपण अवधि होगी। 31 अगस्त तक वृक्षारोपण सत्यापन और जियो टैगिंग का पूरा होना तथा सितंबर से अप्रैल तक वृक्षारोपण का रखरखाव और संरक्षण का कार्य किया जाएगा। इसी प्रकार से दूसरा, तीसरा और चौथा वर्ष में वृक्षारोपण का रखरखाव और संरक्षण का कार्य वन मित्र द्वारा किया जाएगा।

मानदेय: – 

प्रथम वर्ष के दौरान जून के अंतिम सप्ताह तक जियो टैगिंग और मोबाइल एप पर वन मित्र द्वारा गड्ढों का फोटोग्राफ अपलोड करने पर 20 रुपये प्रति गड्ढा, जुलाई और अगस्त के अंतिम सप्ताह तक वन मित्र द्वारा लगाए गए पौधे की जियो टैगिंग के बाद 30 रुपये प्रति पौधा तथा सितंबर से महीनों के अंतिम सप्ताह तक रोपण के रखरखाव और संरक्षण के लिए 10 रुपये प्रति जीवित पौधा दिया जाएगा। इसी प्रकार से द्वितीय वर्ष में हर महीने के अंतिम सप्ताह में 8 रुपये प्रति जीवित पौधा, तीसरे वर्ष में 5 रुपये प्रति जीवित पौधा हर महीने के अंतिम सप्ताह में तथा चौथे वर्ष 3 रुपये जीवित पौधा हर महीने के अंतिम सप्ताह में वन मित्र को दिए जाएंगे।

अधिक जानकारी के लिए यहां करे संपर्क:          

 अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक ने बताया कि इच्छुक व्यक्ति अधिक जानकारी के लिए वन एवं वन्य जीव विभाग, हरियाणा के हेल्पलाइन नंबर 0172-6619061 अथवा जिले के वन मंडल अधिकारी कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस के दौरान संपर्क कर सकता है।

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