निजी स्कूल संचालकों के सामने सरकार के आदेश बौने साबित हुए

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दुर्गा अष्टमी के दिन 10 बजे स्कूल खोलने के बजाए रोजमर्रा के समय पर खोले स्कूल

City24news/सुनील दीक्षित

कनीना| हाल ही में कनीना-दादरी मार्ग पर उन्हाणी के समीप हुए जीएल स्कूल बस हादसे के बाद शासन-प्रशासन कडे तेवर अपना रहा है वहीं निजी स्कूल संचालक अभी भी सबक नहीं ले रहे हैं। उनकी ओर से सरकार व प्रशासन की सख्ती के बावजूद शिक्षा विभाग के आदेश नजर अंदाज किए जा रहे हैं। विद्यालय शिक्षा निदेशालय,शिक्षा सदन पंचकूला की ओर से 15 अप्रैल को प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारी तथा मौलिक शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर मंगलवार 16 अप्रैल को दुर्गा अस्टमी के मौके पर स्कूल के समय में बदलाव कर 10 बजे से दोपहर ढाई बजे तक करने के आदेश जारी किए गए थे। इसके बावजूद निजी स्कूलों की बसें रोजमर्रा की भांति साढे सात बजे से ही सडकों पर दौड़ पडी। सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखाकर विभिन्न गावों से विद्यार्थियों को लेकर स्कूलों में छोडने का क्रम जारी हो गया। जिसे देखकर लगता है कि सरकार व शिक्षा विभाग के आदेश निजी स्कूल संचालकों के सामने बौने साबित हो रहे हैं।
इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी विश्वेश्वर कौशिक ने बताया कि उनकी ओर से सुबह 10 बजे कनीना-अटेली की ओर निरीक्षण किया गया जिसमें सबकुछ सामान्य मिला। उन्होंने बाद में एसडीएम द्वारा आयोजित बैठक में हिस्सा लिया। उनकी ओर से किसी भी स्कूल को इस बारे में नोटिस जारी नहीं किया गया है। उनकी नॉलेज में सरकारी आदेशों को दरकिनार कर समय से पूर्व स्कूल खोलना नहीं आया। संज्ञान में आने के बाद कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी।

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