ईद पर मिला तोहफा: 480 करोड़ रुपए से बनेगा नूंह अलवर फोरलेन

-मेवात आरटीआई मंच के धरनों से मिली सफलता
-क्षेत्रवासियों ने राजूद्दीन के संघर्ष को सराहा, करते रहे मेहनत
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | सोमवार को ईद के मौके पर केंद्र सरकार ने नीति आयोग के सबसे पिछड़े जिले नूंह के मुख्य हाइवे 248-ए के फोरलेन निर्माण पर 480 करोड़ रुपए खर्च करने के आदेश जारी किए हैं। भाजपा सरकार के इस कदम से मेवात के लोगों में खुशी की लहर है। नूंह से नौगांव बॉर्डर तक यह हाइवे 47 किलोमीटर बनना है। जल्द वन विभाग की एनओसी मिलते ही के कुछ महीनों में टेंडर छोड़ा जाएगा। माना जा रहा है कि अगले साल के अंत तक निर्माण पूरा होगा।
केंद्र सरकार से बजट मंजूरी के बाद लोगों ने एक दशक लंबे संघर्ष के लिए प्रख्यात स्वयंसेवक राजूद्दीन को बधाइयां दी है। कवि मोहम्मद इलियास, एडवोकेट सुबोध जैन, मास्टर अब्दुल वहाब, पूर्व चेयरमैन उस्मान दुर्रानी, हाजी मोहम्मद हारून हवननगर, पूर्व सरपंच पोप सिंह, नसीम सरपंच सांठावाड़ी ने बताया कि नूंह से अलवर सीमा तक बनने वाले इस सिंगल हाईवे को फोरलेन कराने के लिए मेवात आरटीआई मंच ने बड़कली चौक पर 15 दिन धरने दिए थे। इन धरनों का श्रेय जाने-माने समाजसेवक राजूद्दीन को जाता है। आज उसी संघर्ष की बदौलत खूनी हाइवे को चार लेन करने की मंजूरी मिली है। स्वयंसेवी राजूद्दीन मेव ने क्षेत्र के सिंगल हाईवे को फोरलेन करने के सड़क से संसद तक अभियान चलाया। इस अभियान में उनकी पत्नी सबीला जंग का पूरा सहयोग रहा। मेवात के लोगों ने बताया कि 2012 से 2021 तक समाजसेवक राजूद्दीन ने दर्जनों बार के धरने किए। इन्हीं धरनों ने नूंह अलवर हाईवे को फोरलेन करने की नींव रखी थीं। धरने में सभी पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। आखिरकार केंद्र सरकार ने नूंह अलवर हाईवे को फोरलेन बनाने के लिए 480 करोड़ रुपए का बजट दे दिया है। केंद्र सरकार ने मेवात क्षेत्र के लिए ईद के दिन सोमवार को बड़ा तोहफा दिया है।
बता दें कि डेढ़ दशक लंबे संघर्ष में मेवात आरटीआई मंच ने भूख हड़ताल, ज्ञापन पत्र, हस्ताक्षर अभियान, धरना-प्रदर्शन, स्लोगन पेंटिंग, पैदल मार्च, नुक्कड़ सभा, श्रद्धांजलि सभा, युवा संवाद, ग्राम पंचायत बैठकें, मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किए थे। उधर, बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण 2017 में नूंह अलवर हाईवे को खूनी रोड का नाम मेवात आरटीआई मंच ने दिया था। नूंह अलवर सिंगल हाईवे पर पिछले 12 साल में तककरीब 2500 मौत हुई हैं। मेवात आरटीआई मंच ने 2019 में 100 फुट लंबे कपड़े पर 20 हजार लोगों के हस्ताक्षर कराकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भेजा था। उसके बाद 186 करोड़ रुपए का बजट मंजूर हुआ था। परंतु क्षेत्र से गुजर रहे दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण के कारण इसे सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया।