गर्भ में लिंग की जांच व अवैध रूप से गर्भपात कराना गैरकानूनी – उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा
– जिलावासियों से अपील- लैंगिक समानता व कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम में जिला प्रशासन के बने सहयोगी
– बिना लाइसेंस वाले अवैध क्लीनिक व अस्पतालों की पहचान की जाए।
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह |उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि महिला के गर्भ में लिंग की जांच करना व अवैध रूप से गर्भपात कराना गैरकानूनी है। इस प्रकार की गुप्त गतिविधियां न केवल चिकित्सा व कानूनी नियमों का उल्लंघन करती हैं, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करती हैं। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन भी है।
उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार नियमित रूप से जागरुकता गतिविधियां आयोजित कर रही है कि गर्भ में लिंग की जांच न कराएं, यह कानूनी अपराध है। इसी प्रकार अवैध रूप से या बिना लाइसेंस के क्लीनिक का संचालन करना भी गैरकानूनी है। उन्होंने जिलावासियों से भी अपील की है कि वे न तो अवैध क्लीनिकों में किसी भी प्रकार का इलाज करवाएं और न ही प्रसव पूर्व लिंग जांच की गतिविधियों में शामिल हों। अगर किसी क्षेत्र में इस तरह की गतिविधियां आयोजित हो रही हैं तो इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी जाए। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम भी गुप्त रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि लैंगिक समानता और कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम सरकार की प्राथमिकता में शामिल है और जनता को भी इसके प्रति जागरूक बनना चाहिए। उन्होंने सिविल सर्जन को भी निर्देश दिए कि वे जिले में संचालित सभी स्वास्थ्य सुविधाओं व क्लीनिकों का गहन सर्वेक्षण व सत्यापन शुरू करें ताकि बिना लाइसेंस वाले अवैध क्लीनिक व अस्पतालों की पहचान की जा सके। अगर किसी क्षेत्र में अवैध क्लीनिक संचालन का कोई भी मामला संज्ञान में आता है तो उचित नियमों के अनुरूप उसे सील करने, लाइसेंस रद्द करने के साथ ही जरूरी कानूनी कार्यवाही करना भी सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के माध्यम से भी लैंगिक समानता के महत्व व कन्या भ्रूण हत्या के कानूनी व सामाजिक परिणामों के बारे में जनता को शिक्षित करने के लिए जागरुकता व सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम चलाए जाएंगे, ताकि इस प्रकार की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के साथ महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना व जिले में संतुलित लिंग अनुपात को बढ़ावा देना संभव हो सके।