सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दूधौला में आशा कार्यकर्ताओं व स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षण दिया

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City24news/ज्योति खंडेलवाल

पलवल।  डिप्टी सिविल सर्जन एवं नोडल अधिकारी डॉ.रामेश्वरी के नेतृत्व में आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता एसएमओ डॉ.संतोष ने की। कार्यशाला में डॉ.रामेश्वरी ने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इस मार्च महीने को राष्ट्रीय जन्म दोष जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हर साल तीन मार्च को विश्व जन्म दोष दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत निवारक उपायों और उपचार विकल्पों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूक करना जरूरी है। डॉ.प्रीति गर्ग ने कहा कि करीब छह प्रतिशत बच्चे किसी न किसी प्रकार के जन्म दोष के साथ पैदा होते हैं। बच्चों में होने वाले जन्मजात हृदय दोष, क्लब फुट, क्लेफ्ट लिप एंड क्लेफ्ट पेलेट, न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, रीढ की हड्डी में फोड़ा होना, जन्मजात बहरापन व अंधापन, समय से पहले रेटिनोपैथी, डाउन सिंड्रोम तथा डेवलपमेंटल डिस्प्लेशिया आफ हिप (डीडीएच) और अन्य जन्म दोष शामिल हैं। डॉ.रवि विहान ने बताया कि आरबीएसके कार्यक्रम द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रारंभिक जांच, निदान व समय पर रेफरल, हस्तक्षेप व उपचार के महत्व की जानकारी होनी आवश्यक है। एक सक्रिय दृष्टि अपनाते हुए किसी भी बच्चे के जीवन में शुरुआती जन्म दोषों की पहचान कर उसका समाधान किया जा सकता है।

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